UP NEWS-अजीत गुप्ता की दोहरी बयानबाजी ने मामले को बनाया संदिग्ध, साजिश की ओर इशारा

UP NEWS-सत्ता की पार्टी में ओहदे और रसूख की लड़ाई अब सोशल मीडिया में आ गई है ! जिलाध्यक्ष के चुनाव से पूर्व एक लेटर और कथित ऑडियो ने बम का काम किया है। हालांकि संगठन के चुनाव के एकदम करीब ऐसा मामला सामने अचानक आना एक सोची समझी साजिश का भी हिस्सा हो सकता है ! जो भी है मामला सोशल मीडिया में सुर्खियां बना है और लोग इस प्रकरण में राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं साथ ही एक बार फिर पार्टी की अंतर्कलह सामने आ गई है ! हालांकि इस अंतर्कलह की नींव विधानसभा और नगर निकाय के चुनाव में ही पड़ गई थी जब एक माफिया की कठपुतली बनकर कुछ सत्ता के गद्दार नेताओं ने भाजपा के प्रत्याशियों को ही हराने का काम किया था ! हालांकि इस पत्र को लेकर जब अजीत गुप्ता से बात की गई तो उनके बयान ने पूरे मामले को संदिग्ध बना दिया है !

बता दें कि सोशल मीडिया में एक पत्र वायरल हुआ है जिसमें भाजपा के फतेहपुर जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल पर 50 लाख रुपये लेकर ऊंचा ओहदा ( दायित्व ) दिलाने का आरोप लगा है ! साथ ही कुछ ऑडियो भी लोगों तक पहुंचाएं गए हैं जिसमें कुछ लोग आपस में बात कर रहे हैं जिसमें व्यापारिक बात हो रही है साथ ही एक से 10 तक रुपयों की गिनती होने जैसा प्रतीत हो रहा है। ऑडियो में कई लोगों की मौजूदगी सुनाई पड़ रही है ! कथित ऑडियो को पत्र से जोड़कर यह कहा जा रहा है कि ये ऑडियो मुखलाल पाल के लेन देन से जुड़ा है। शिकायत के बाद इस मामले में पार्टी ने मुखलाल पाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है। इतना ही नहीं पार्टी ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी भी बनाई है।

बताते हैं कि बांदा जनपद के निवासी बालू कारोबारी अजीत गुप्ता ने फतेहपुर जिलाध्यक्ष पर संगठन में पद दिलाने के नाम पर पार्टी फंड में 50 लाख रुपये लेकर अपने पास रख लेने का आरोप लगाया है। उनके कथित पत्र के अनुसार पार्टी फंड के नाम पर उनसे रुपए लिए गए, लेकिन उसे पार्टी फंड में जमा नहीं किया गया, खुद जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने रख लिए। बांदा निवासी अजीत कुमार गुप्ता कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय मंत्री और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इस पत्र को लेकर जब संवाददाता ने अजीत गुप्ता से बात की उन्होंने बताया कि ऐसा कोई पत्र उन्होंने नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि मुखलाल पाल ने 40 लाख रुपए उनसे लिए हैं जिसकी शिकायत संगठन में की थी लेकिन कोई पत्र नहीं दिया। बताया कि पार्टी फंड के लिए रुपए दिए थे जो मुखलाल पाल ने रख लिए। अब पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल यह उठता है कि वायरल पत्र में 50 लाख का आरोप लगाया गया है और बयान में अजीत गुप्ता 40 लाख की बात कह रहे हैं ! साथ ही जो व्यक्ति स्वयं भाजपा का क्षेत्रीय मंत्री व भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुका हो वह आखिर एक जिलाध्यक्ष के माध्यम से पार्टी फंड में रुपया क्यों भेजेगा, जबकि वह स्वयं प्रदेश स्तर का नेता रहा है !

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वहीं पार्टी के नियमों के अनुसार बीस हजार से अधिक पार्टी फंड देने पर नकद की व्यवस्था ही नहीं है। साथ ही बड़ा सवाल ये है कि आखिर नकद 50 लाख रुपए अजीत गुप्ता के पास कैसे और कहां से आए ! इसकी भी ईडी से जांच होना आवश्यक है ! कुल मिलाकर पूरे प्रकरण में रुपयों की अलग अलग बयानबाजी और फंड के नाम पर प्रदेश का नेता रहे अजीत गुप्ता का एक जिलाध्यक्ष पर दायित्व के नाम पर आरोप लगाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। हालांकि इस पूरे मामले में भाजपा ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है जो पूरे मामले की जांचकर रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंपेगी, जिसके बाद प्रदेश संगठन निर्णय लेगा। मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी छवि खराब करने की साजिश है। उन्होंने सरकारी जमीनें बचाने के लिए गैंगस्टर रज़ा मोहम्मद और उनके गैंग के लोगों के खिलाफ कई पत्र लिखे हैं जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। उसमें कुछ अन्य लोग, जो उनके पार्टनर रहे हैं फंस गए हैं। सभी के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इसलिए गैंग का प्रयास है कि भाजपा जिलाध्यक्ष को किसी तरह नुकसान पहुंचाया जाए। सभी सबूतों के साथ प्रदेश संगठन को लिखित जवाब सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि अजीत गुप्ता के खिलाफ भी आईटी एक्ट और मानहानि के तहत केस दर्ज कराएंगे

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