फिल्म निर्माता आयशा सुल्तान पर देशद्रोह का केस दर्ज, कहा- लक्षद्वीप को लेकर जारी रखूंगी संघर्ष

कवरत्ती। लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की नीतियों के फैसलों के खिलाफ आवाज उठाने पर स्थानीय पुलिस ने फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद आयशा ने कहा है कि वह लक्षद्वीप के लिए संघर्ष जारी रखेंगी. पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए 20 जून को बुलाया है. लक्षद्वीप बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल खादर की शिकायत पर आयशा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 बी (अभद्र भाषा) के तहत केस दर्ज हुआ है.

आयशा सुल्तान ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘मैं उस जमीन के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगी, जहां मैं पैदा हुई. हम किसी से नहीं डरते. लक्षद्वीप के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा और अब मेरी आवाज और तेज होने वाली है. उन्होंने मेरे खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. लेकिन जीत सच्चाई की ही होगी.’

आयशा सुल्ताना लक्षद्वीप के चेटियाथ द्वीप की रहने वाली हैं. उन्होंने कई मलयालम फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सुल्ताना ने टीवी परिचर्चा के दौरान केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में कोविड-19 के फैलने को लेकर झूठी खबर फैलाई. लक्षद्वीप में प्रशासन द्वारा कुछ सुधारवादी कदम उठाए जाने के बाद से विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से विरोध किया जा रहा है.

“सत्ता में बैठे लोगों की आलोचना करना हर नागरिक का अधिकार”
लक्षद्वीप पुलिस द्वारा आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के एक दिन बाद नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता में बैठे लोगों की आलोचना की करना हर नागरिक का अधिकार है. ‘आलोचना बर्दाश्त न करने वाले नेताओं’ को पुरातन कानून के पीछे छिपना बंद करना चाहिए.

अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘पटेल (लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल) की आलोचना राजद्रोह के समान नहीं है. लोकतंत्र में, सत्ता में बैठे लोगों की आलोचना करना हर नागरिक का अधिकार है. आलोचना बर्दाश्त नहीं करने वाले नेताओं’ को पुरातन कानून के पीछे छिपना बंद करना चाहिए.’

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