कोरोना की पहली वैक्सीन रूस में बनी , सितंबर तक Gam-COVID वैक्सीन बाजार में आ सकती है
मॉस्को. रूस के सेचेनोव यूनिवर्सिटी का दावा है कि दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन तैयार करने वह सबसे आगे निकल रही है। इसका नाम Gam-COVID-Vac Lyo रखा गया है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है।
सेचनोव यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिसीज के डायरेक्टर अलेक्जेंडर लुकाशेव का कहना है, हमारा मकसद इंसानों को सुरक्षा देने के लिए कोविड-19 की वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था। अलेक्जेंडर के मुताबिक, सुरक्षा के लिहाज से वैक्सीन की जांच की जा चुकी है। उम्मीद है कि यदि सारी परमिशन मिल जाती है तो यह सितंबर तक बाजार में उपलब्ध होगी।
दावा- यह लम्बे समय तक इम्युनिटी बढ़ाएगी
वैक्सीन तैयार करने वाले गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के डायरेक्टर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने रूस के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक अखबार क्रासन्या ज़वेजदा से कहा, पहले और दूसरे का वैक्सीन ट्रायल पूरा हो गया है। यह वायरस से लड़ने के लिए शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाएगी और उसे लम्बे समय तक बरकरार रखेगी। अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग का दावा है कि इस बात की गारंटी है कि वैक्सीन अगले दो साल तक कोरोना से बचाएगी।
रूस का रक्षा मंत्रालय भी कर रहा मदद
इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव के मुताबिक, गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने टीके को तैयार किया है जो ट्रायल में सफल रहा है। रशियन न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक, पहले चरण का ट्रायल 18 से शुरू हुआ था जिसमें 18 वॉलंटियर शामिल हुए थे। वहीं, दूसरे चरण के ट्रायल की शुरुआत 23 जून को हुई थी जिसमें 20 वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई थी।
रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन में वॉलंटियर के दो समूह शामिल किए गए हैं और ट्रायल 15 जुलाई को खत्म होगा। 13 जुलाई को दूसरे समूह के वॉलंटियर्स में वैक्सीन का दूसरा हिस्सा इंजेक्ट किया जाएगा। जो इन्हें लम्बे समय तक इम्युनिटी देंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 50 लोगों वाले ट्रायल के पहले समूह में ज्यादातर सर्विसमैन शामिल रहे। इसके अलावा 5 महिलाओं और 10 हेल्थ वर्करों को भी इसी समूह में रखा गया था। वहीं दूसरे समूह में शहर के नागरिकों को शामिल किया गया।