Delhi Air Pollution: बेंगलुरु में सिगरेट पियो और दिल्ली में योगा करो बात एक ही है…
Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली दिल के लिए घातक होती जा रही है…हाल कुछ ऐसा है कि बेंगलुरु में सिगरेट पियो और दिल्ली में योगा करो बात एक ही है… सरकारे इलाज ढूंढने के बजाय एक-दुसरे पर ऊँगली उठा कर खुद का पल्ला झाड़ने में लगी है…दिल्ली में पल्यूशन का बढ़ता ग्राफ भले ही दिल्ली को बीमार कर रहा हो…मगर चिंता ये है कि इस उड़ते तीर से बचा कैसे जाएं…इसी बीच हमेशा गले में एयर प्यूरीफायर पहनने वाले हर हिंदी भाषी को अंग्रेजी में जवाब देने वाले तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने X पोस्ट किया है या यूँ कहे कि सवाल उठाया है कि क्या दिल्ली अभी भी भारत की राष्ट्रीय राजधानी बनने के लायक है? उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शहर खतरनाक वायु प्रदूषण स्तर से जूझ रहा है, जिसे उन्होंने “असंवेदनशील” कहा….दिल्ली की वायु गुणवत्ता दुनिया के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से करीब पांच गुना खराब है…. थरूर ने पिछले प्रयासों पर अपनी निराशा भी जाहिर की… नवंबर से जनवरी तक के ३ महीनों को थरूर ने अपने पोस्ट में दिल्ली के लिए अनइनहेबिटेबिल बताया और सवाल खड़ा किया है कि क्या दिल्ली अब भी नेशनल केपिटल रहने के योग्य है….
दिल्ली की आबादी शहर के क्षेत्रफल के हिसाब से कही ज्यादा है. साथ ही गाड़ियों की संख्या भी रोज बढ़ ही रही है. दिल्ली में 25 फीसदी पल्यूशन के पीछे सड़को पर दौड़ती चौराहों पर सिग्नल का इन्तजार करती गाड़ियां है…दिल्ली के अंदर और आसपास बनी इंडस्ट्री से निकलने वाली गैस और केमिकल्स भी प्रदूषण का पैमाना बढ़ा रही है….एक और वजह है जो पॉलिटिकल है… समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली एक बड़ी वजह है….सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने एक फैसले में कहा था कि साफ हवा हर इंसान का फंडामेंटल अधिकार है. केंद्र और राज्य सरकार इस पर तत्काल एक्शन ले. लेकिन प्रदूषण के इस चौसर पर पार्टियां पॉलिटिक्स का पासा फेंक रही हैं. एक दूसरे पर प्रदूषण फैलाने का आरोप मढ़ रहे हैं. केंद्र और राज्यों के बीच जंग चल रही है. केंद्र और राज्य दोनों के नेता ये नहीं चाहते कि वो ताकतवर किसानों या उनके समूहों को नाराज करें….इसी वजह से हालात साल दर साल बद से बदत्तर होते जा रहे है…. दिल्ली की हवा में जहर घोलने में बड़ा योगदान हवा का भी है. हवा की दिशा, गति और नमी ये तीनों फैक्टर दिल्ली-NCR के फेफड़ों में जहर भरते हैं. मॉनसून के बाद और सर्दियों से पहले हरियाणा-पंजाब की तरफ से हवा दिल्ली की तरफ चलती है. ये हवा पाकिस्तान की तरफ से आती है. जिसमें बारीक धूलकणों की मात्रा ज्यादा होती है. इसके अलावा दिल्ली में मौजूद कचरे के तीन पहाड़ भी प्रदूषण की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. इनसे निकलने वाली जहरीली गैसें भी दिल्ली-एनसीआर की हवा को जानलेवा बनाती हैं.
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दिल्ली में इस समय नमी है. हवा की गति धीमी है. तापमान में गिरावट है. ये मौसमी बदलाव धूल-धुआं को धीरे-धीरे फैला रहा है. विजिबिलिटी जीरो कर दे रहा है. दिल्ली एयरपोर्ट पर तो विमान सेवाएं देने वाली कंपनियों को चेतावनी भी जारी की गई है. ताकि वो अपनी उड़ानों को विजिबिलिटी के चलते डायवर्ट करने को तैयार रहें. अब दिल्ली में स्कूल-कॉलेज में तालाबंदी है….वर्क फ्रॉम होम का कॉन्सेप्ट वापस लौट आया है…सरकारों की आपसी तू-तू -मैं-मैं जारी है…मगर झेल आम आदमी रहा है….अब हर कोई घरों में एयर फिल्टर तो लगा नहीं लेगा …और लगा भी लेगा तो सिर्फ घर में बैठ रोजी-रोटी थोड़े ही कमा लेगा.