Amethi News-सोशल ऑडिट से पंचायतों में हस्तांतरित धन का सही इस्तेमाल-लोकपाल
Amethi News-निदेशक सोशल आडिट ग्राम्य विकास विभाग उत्तर प्रदेश जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) के अंतर्गत कराए गए कार्यों का सोशल आडिट आरंभ हो गया है। इसके लिए कलैंडर भी जारी किया जा चुका है।
ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट, ग्राम सभाओं द्वारा आयोजित होने वाली आवधिक बैठकें होती हैं। इन बैठकों में किसी परियोजना से जुड़े सभी विवरणों की जांच की जाती है। सोशल ऑडिट, प्रशासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अधिकारियों और पीआरआई प्रतिनिधियों की जवाबदेही तय करने का एक मंच है। यह भारत सरकार की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं, जैसे महात्मा गांधी नरेगा और इन्दिरा आवास योजना के पारदर्शी, जनसहभागी और जवाबदेह तरीके से संचालन में भी अहम भूमिका निभाता है। सोशल ऑडिट से पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है और हस्तांतरित धन का सही इस्तेमाल होता है। सोशल आडिट से कागजों पर दिखने वाले विकास औऱ वास्तविक धरातल पर होने वाले विकास के बीच की खाई पाटने का सोशल आडिट एक अचूक हथियार है।शुक्रवार को अमेठी विकास खंड गौरीगंज के ग्राम पंचायत ओरीपुर में जिले के लोकपाल (मनरेगा) ओजस्कर पाण्डेय ने सोशल आडिट का निरीक्षण किया।इस औचक निरीक्षण के तहत ग्राम पंचायत कार्य तो संतोषजनक पाया गया। परंतु मनरेगा से संबंधित सात रिजस्टर में कुछ खामियां थी।लोकपाल (मनरेगा) ने प्रधानमंत्री आवास योजना, महात्मा गांधी नरेगा योजना में हुए कार्य की स्वीकृति-तकनीकी, प्रशासनिक-वित्तीय, एस्टिमेट, कार्य आदेश, बिल-वाउचर, माप पुस्तिका, श्रम सामग्री भुगतान उपयोगिता प्रमाण पत्र, पूर्णता प्रमाण पत्र, परिसंपत्ति रजिस्टर, कैश बुक, स्टॉक रजिस्टर, अंतिम संपन्न सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सहित अन्य रिकॉर्ड की जांच की गई।इसके अतिरिक्त मनरेगा द्वारा हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन भी किया गया।भौतिक सत्यापन में मनरेगा नागरिक सूचना बोर्ड में कमी को भी जल्द दूर करने का निर्देश दिए।इस अवसर पर लोकपाल (मनरेगा) ओजस्कर पाण्डेय ने ग्रामीणों को बताया कि सोशल आडिट करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों को लेकर के अक्सर लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं होती हैं। ये शंकाएं काम की गुणवत्ता, कार्यप्रणाली और विकास कार्यों से मानकों से जुड़ी होती हैं।इसका अलावा सरकारी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर सबसे ज्यादा शंका लोगों के मन में होती है।अक्सर लोगों को इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाता है। मगर अब सोशल ऑडिट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों की जांच खुद ग्रामीण कर सकते हैं।
सोशल ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गांव के लाभार्थी से ही गांव की विकास योजनाओं की रिपोर्ट ली जाती है। बैठक में अंत में गांव में रैली निकाली गई जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ सके।सोशल ऑडिट बैठक में जिला कोऑर्डिनेटर नीलम, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर चंदन दुबे,रोजगार सेवक विद्यावती,ग्राम प्रधान अंकिता वर्मा, टीम सदस्य अर्जुन सिंह, नदेश्वरी गुप्ता ,राम लोटन, प्रेमचंद विश्वकर्मा और सैकड़ो मनरेगा जॉब कार्ड धारक मौजूद रहे।
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