पीएम मोदी ने लखनऊ में चल रही डीजीपी कांफ्रेंस में की शिरकत
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित पुलिस मुख्यालय में तीन दिवसीय 56वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक महानिरीक्षक सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को हिस्सा लिया। पीएम मोदी आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे यूपी पुलिस की सिग्नेचर बिल्डिंग पहुंचे जहां गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री और श्री शाह पूरे दिन कांफ्रेंस में मौजूद रहे और सभी सत्रों में हिस्सा लिया। उन्होने विभिन्न राज्यों एवं केन्द्रीय एजेंसियों के प्रस्तुतिकरणों का अवलोकन किया।
श्री मोदी और अन्य गणमान्य अतिथियों ने रात्रि भोज भी पुलिस अधिकारियों के साथ किया। रविवार को श्री मोदी डीजीपी सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं जिसके बाद वह दिल्ली लौट जायेंगे। शुक्रवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डीजीपी.आईजी सम्मेलन का शुभारंभ किया था। श्री शाह ने प्रभावी पुलिस व्यवस्था के लिये पुलिस थानो और बीट स्तर के सुधारों पर जोर देते हुये कहा था कि आतंरिक सुरक्षा के लिये राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। उन्होने तटीय सुरक्षा, वामपंथी उग्रवाद, नारकोटिक्स, साइबर क्राइम तथा सीम प्रबंधन जैसे सुरक्षा विषयों पर जोर दिया।
यूपी के तीन दिवसीय दौरे पर आये श्री मोदी ने शुक्रवार को बुंदेलखंड के झांसी और महोबा में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया था जिसके बाद वह देर रात लखनऊ पहुंच गये जहां उनका स्वागत गृह मंत्री अमित शाह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।
डीजीपी सम्मलेन उत्तरप्रदेश में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में आतंकवाद विरोधी चुनौतियां, वामपंथी उग्रवाद, पुलिस सुधार, पुलिस आधुनिकीकरण, साइबर क्राइम व आंतरिक सुरक्षा सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही है। लखनऊ के गोमतीनगर में हो रहे इस कार्यक्रम में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी, केंद्रीय सशस्त्र बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के मुखिया, सीबीआई के निदेशक शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा आमंत्रित पुलिस अधिकारी आइबी, राज्य आइबी मुख्यालयों में 37 विभिन्न स्थानों से वर्चुअल माध्यम से सम्मेलन में भागीदारी की।
सम्मेलन के पहले दिन आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई जिनमें जेल सुधार, कट्टरवाद से मिल रही चुनौतियाँ तथा पुलिस प्रशिक्षण जैसे विषय शामिल रहे। इस वर्ष पहली बार, सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 200 से अधिक विभिन्न वरिष्ठता के अधिकारियों से उनके विचार मांगे गए।