राजीव गांधी के हत्यारे की दया याचिका पर जल्द फैसला ले केंद्र, मामला लंबे समय से लटका : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे की जल्दी रिहाई पर जल्द से जल्द फैसला लेने को कहा है। हत्या के दोषी और उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में जेल से रिहा किए जाने की अर्जी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अब अगली सुनवाई के लिए जनवरी माह की तारीख दी है। पेरारीवलन के वकील ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसे जेल से रिहा करने की तमिलनाडु राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल के फैसले को रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए। पेरारीवलन ने दिसंबर 2015 में तमिलनाडु के राज्यपाल के सामने संविधान के अनुच्छेद 162 के तहत दया याचिका दायर की थी। पांच सालों की देरी के बाद इसी साल जनवरी में राज्यपाल ने यह मामला राष्ट्रपति के पास भेजने का फैसला लिया था। इसके बाद से ही इस मामले की सुनवाई दो बार टल चुकी है और मंगलवार को पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई की।
जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र से कहा, यह मामला काफी समय से लंबित पड़ा है। निर्णय कीजिए। हम अगले साल जनवरी में इसपर सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में जनवरी के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर जेल से रिहाई की मांग करने वाली एजी पेरारीवलन की याचिका को जनवरी के लिए स्थगित कर दिया।
कोर्ट पेरारीवलन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो 20 साल से अधिक समय से उम्रकैद की सजा काट रहा है। याचिका में तमिलनाडु सरकार द्वारा सितंबर 2018 में उसे क्षमादान देने की सिफारिश पर निर्णय लेने के लिए राज्यपाल की निष्क्रियता के कारण दु:ख जताया गया था। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मामले को अगले हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया जाए।

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