UP बेसिक शिक्षा भर्ती: 7 साल पहले हुआ था सेलेक्‍शन, नियुक्ति न मिलने पर छात्र लगातार कर रहे प्रदर्शन

UP बेसिक शिक्षा भर्ती:सात साल पहले बेसिक शिक्षक भर्ती में चयन हुआ, लेकिन जिलों में पद न होने से नियुक्ति नहीं मिली।  हाई कोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने भी आदेश कर  दिया था | वर्ष 2016 में बेसिक शिक्षकों के 12,460 पदों पर भर्ती हुई थी। सफल अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण वाले जिले में ही नियुक्त दी जानी थी। प्रशिक्षण के बाद पता चला कि 24 जिलों में एक भी पद खाली नहीं है। ऐसे में इन जिलों में प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों को तैनाती नहीं मिली। इस पर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए थे।

बेसिक शिक्षा परिषद ने इन चयनित शिक्षकों कि तैनाती के लिए काउंसलिंग करवाई गई थी . 27 से 30 दिसंबर तक इनकी काउंसलिंग हुई थी . आपको बता दें कि गत नवंबर में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 12,460 सहायक अध्यापकों के चयन को रद करने के 1 नवंबर, 2018 के एकल पीठ के निर्णय को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यूपी सरकार को इस भर्ती के क्रम में बचे हुए 6,470 पदों के लिए कॉमन मेरिट लिस्ट जारी करते हुए तीन माह में इन्हें भरने का भी आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने मोहित कुमार द्विवेदी व अन्य चयनित अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल 19 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।

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हाई कोर्ट ने यूपी सरकार की आलोचना की थी

अदालत ने कहा था कि जिन जिलों में कोई रिक्ति नहीं थी, वहां के अभ्यर्थियों को छूट देने में कोई कोई त्रुटि नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार द्वारा सुनवाई को बार-बार टलवाने और यथोचित सहयोग न किए जाने की आलोचना भी की। कोर्ट ने यह भी पाया कि 12,460 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के क्रम में 5,990 अभ्यर्थी नियुक्ति के बाद काम कर रहे हैं। ऐसे में बचे हुए 6,470 पदों पर भी तीन माह में भर्ती पूरी की जाए।

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