Political News-मोदी के लिए अपरिहार्य कैसे बने अमित शाह

Political News- अमित शाह राजधानी में अपने साउथ ब्लॉक के दफ्तर में जब काम करते होंगे, तब उनके जेहन में भी देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल का ख्याल अवश्य आता होगा। लौह पुरुष सरदार पटेल ने भी इसी साउथ ब्लॉक में बने गृह मंत्री कार्यालय से देश की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा दी थी। वे भी बोलने में कम और काम करने में अधिक यकीन करते थे। अमित शाह का एक गुण यह भी है कि वे किसी अनावश्यक विवाद को खत्म करने में देर नहीं करते। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शायद सोचा होगा कि वे अमित शाह को देश का भावी प्रधानमंत्री बता कर एक विवाद खड़ा कर देंगे। पर उनकी यह मंशा सफल नहीं हुई, क्योंकि अमित शाह ने साफ कर दिया कि नरेन्द्र मोदी ही 2029 तक देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे।

Political News-also read-दिल्ली: ‘केजरीवाल के आदेश ने मुझे ढक दिया’, बोले हेमंत सोरेन; ED की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 मई को करेगा सुनवाई

अमित शाह ने पहले भाजपा के संगठन में रहते हुए और फिर केन्द्रीय गृह मंत्री के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उनके संगठनात्मक कौशल को सबने देखा, लेकिन जो लोग उन्हें गुजरात के दिनों से जानते थे, वे बहुत हैरान नहीं हुए। फिर, 2019 में वह केंद्रीय गृह मंत्री बने और इसके साथ ही शुरू हुआ कई बड़े फैसलों को लेने का दौर। पिछले पांच वर्षों में अमित शाह ने आंतरिक सुरक्षा को नया रूप दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देखरेख में भारतीय दंड विधान (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम को बदला गया। अमित शाह मानते हैं कि कोई भी कानून 50 साल के बाद पुराना हो जाता है। 1860 से 2023 तक आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था।

Related Articles

Back to top button