Ujjain: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकाल के दर्शन के बाद मंदिर में किया श्रमदान, नंदी हॉल में लगाया ध्यान

Ujjain: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने मप्र के दो दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को उज्जैन में ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में दर्शन कर पूजन-अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर ध्यान भी लगाया। राष्ट्रपति के आगमन पर महाकाल मंदिर का विशेष शृंगार किया गया है। उज्जैन में झांझ-डमरू की ध्वनि से उनका स्वागत किया गया। इसके पहले स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ महाकाल मंदिर में झाड़ू लगाकर सफाई की। राष्ट्रपति ने स्वच्छता मित्रों का सम्मान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं स्वच्छता मित्रों को सभी देशवासियों की ओर से धन्यवाद देती हूं। आपकी ही वजह से यह स्वच्छता अभियान व्यापक हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन में सदियों से संस्कृति और सभ्यता की परंपरा निरंतर अस्तित्व में बनी हुई है। उज्जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र भी रहा है। मैंने अपनी जनसेवा की यात्रा स्वच्छता के कार्य से ही की थी। नोटिफाइडड एरिया काउंसिल की अध्यक्ष रहने के दौरान मैं प्रति दिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड जाती थी। सफाई कार्य का निरीक्षण करती थी। इस दौरान अच्छे कामों को देखकर खुशी होती थी। पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता अभियान देशव्यापी अभियान बन गया है। इससे देश में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया गया है।

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उज्जैन आने वालीं 10वीं राष्ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू उज्जैन आने वाली वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं। उनके पहले क्रमश: रामनाथ कोविन्द, प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, केआर नारायणन, शंकरदयाल शर्मा, आर वेंकटरमन, ज्ञानी जेल सिंह, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डा. राजेन्द्र प्रसाद उज्जैन आ चुके हैं। पिछली बार 29 मई, 2022 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आए थे। उनके साथ पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी थीं। वे अपने विवाह की 48वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले कालिदास संस्कृत अकादमी में रखे अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए थे। तीनों ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह से ज्योतिर्लिंग महाकाल का अभिषेक-पूजन किया था।

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