Chandigarh- भारी-भरकम सुरक्षा काफिले में विपश्यना के लिए पंजाब पहुंचे केजरीवाल, मालीवाल व सिरसा ने उठाए सवाल

Chandigarh- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार से दस दिनों के लिए पंजाब के होशियारपुर जिले के एक केंद्र में विपश्यना के लिए शामिल हुए। विपश्यना के लिए भारी-भरकम सुरक्षा काफिले के साथ ध्यान केंद्र पहुंचे केजरीवाल को राज्य सरकार की तरफ से वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने पर राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सवाल उठाए हैं। मालीवाल ने जहां केजरीवाल के काफिले की तुलना ट्रम्प के काफिले से की वहीं सिरसा ने भी कजेरीवाल को निशाने पर लिया।

केजरीवाल 05 मार्च से 15 मार्च तक महिलांवाली गांव के पास आनंदगढ़ में धम्म-धज विपश्यना योग केंद्र में ध्यान करेंगे। इससे पहले भी केजरीवाल यहां आकर ध्यान योग कक्षाओं का हिस्सा बनते रहे हैं।

दिल्ली में लगातार 9 साल तक सत्ता में रहने के बाद आम आदमी पार्टी को हाल ही में विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद से केजरीवाल सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। केजरीवाल के पंजाब से राज्यसभा में जाने की अटकलें तेजी से चल रही हैं। इन सब अटकलों के बीच केजरीवाल का पंजाब आकर ध्यान केंद्र में शामिल होना, कई चर्चाओं को हवा दे रहा है।

केजरीवाल के काफिले की वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर साझा करते हुए आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने लिखा कि जिस पंजाब की जनता ने इतना प्यार दिया, उससे इतना डर लगता है केजरीवाल जी को। सारी दुनिया को वीआईपी कल्चर पर टोकने वाले केजरीवाल जी आज खुद डोनाल्ड ट्रम्प से बड़ा सुरक्षा घेरा लेकर घूम रहे हैं, जो गजब है। कैसे पंजाब जैसे महान सूबे को सबने अपने ऐश-ओ-आराम के साधन का ज़रिया बना लिया है।

दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर कहा कि ऐसी विपश्यना का क्या फायदा जहां सादगी और आत्मचिंतन की जगह 50 गाड़ियों के काफिले में अहंकार और दिखावा हो। करोड़ों की लैंड क्रूजर, सौ से ज्यादा पुलिस कमांडो, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड के साथ यह शांति लेने गए हैं। अरविंद केजरीवाल की ये नकली सादगी एक और नौटंकी है। यह कैसी शांति है, जिसमें पंजाब के लोगों का करोड़ों रुपये उड़ाया जा रहा है। केजरीवाल वह मसीहा बनकर निकले थे जो वैगनॉर में सवार हुए थे, सत्ता आते ही रंग बदल गए। अब विपश्यना के लिए भी सौ कमांडो चाहिए। जनता सब देख रही है।

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