New Delhi: वन-स्टॉप सेंटर में 10 दिनों तक ठहर सकेंगी घरेलू हिंसा पीड़िता , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का अहम फैसला

New Delhi केंद्र सरकार घरेलू हिंसा से पीड़िता के लिए वन-स्टॉप सेंटर (ओएससी) में ठहरने की अवधि को मौजूदा पांच दिनों से बढ़ाकर दस दिन करने की तैयारी कर रही है। विशेष मामलों में यह अवधि में बढ़ाकर 15 दिनों तक की जा सकेगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंची झारखंड की महिला पंचायत नेताओं और सरपंचों के लिए बीती शाम डिनर की मेज़बानी करते हुए मीडिया को यह जानकारी दी।

फिलहाल, हिंसा पीड़िता को पांच दिनों तक का अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाता है, जिसमें सभी उम्र की महिलाएं शामिल हैं। प्रस्तावित विस्तार का उद्देश्य पीड़ित को उनके पुनर्वास के दौरान बेहतर सहायता प्रदान करना है। लंबे समय तक सहायता की आवश्यकता वाली पीड़िताओं को वन स्टॉप सेंटर सरकारी या गैर सरकारी संस्था द्वारा चलाए जा रहे स्वाधार गृह आश्रयों में भेज देती हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि यह पहल सरकार के व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जो हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए समर्थन प्रणाली को मजबूत करने के लिए है, चाहे वह निजी, सार्वजनिक या कार्यस्थल में हो। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि देश भर में वर्तमान में स्वीकृत 878 वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) में से देश भर में 802 ओएससी चालू हैं। इनमें 31 अक्टूबर, 2024 तक 10.12 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, शक्ति सदन मिशन शक्ति के तहत सामर्थ्य पहल का एक घटक है। यह तस्करी करके लाई गई महिलाओं सहित संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एकीकृत राहत और पुनर्वास गृह है। इसका उद्देश्य संकट की स्थिति में महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण बनाना है, ताकि वे कठिन परिस्थितियों से बाहर आ सकें। इस समय देश में 404 शक्ति सदन काम कर रहे हैं और वर्तमान में 29,315 महिलाओं को सहायता दी गई और पुनर्वास सुविधा मुहैया कराई गई है।

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वन स्टॉप सेंटर क्या है ?वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मिशन शक्ति के अंतर्गत चलाए जा रही संबल पहल का घटक है। यह घरेलू और सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं को हिंसा और संकट से निपटने के लिए एक ही छत के नीचे एकीकृत सहयोग और सहायता प्रदान करता है। यह जरूरतमंद महिलाओं को चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और सलाह, अस्थायी आश्रय, पुलिस सहायता और मनो-सामाजिक परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान करता है।

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