अरुणाचल पर अमित शाह ने दिया कड़ा संदेश, शांति का राग अलापने लगा चीन
किबिथू। अरुणाचल प्रदेश में अतिक्रमण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चीन को कड़ा संदेश दिया। जिसके बाद चीन ने शांति का राग अलापना शुरू कर दिया है। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारत अपनी जमीन का एक इंच भी अतिक्रमण नहीं होने देगा।
गृह मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह युग चला गया जब भारत की सीमावर्ती भूमि का कोई भी अतिक्रमण कर सकता था और अब कोई इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर डालने का दुस्साहस नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि थलसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पराक्रम ने सुनिश्चित किया है कि कोई भी भारत की एक इंच भूमि तक का अतिक्रमण नहीं कर सकता।
अमित शाह ने इस सीमांत स्थान को ‘भारत का प्रथम गांव’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने इन इलाकों के विकास के लिए और यहां रहने वाले स्थानीय लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कर उनकी मदद करने के वास्ते एक नीतिगत बदलाव लाया।
उन्होंने कहा कि‘2014 से पहले, पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन लुक ईस्ट नीति के कारण इसे अब इसकी समृद्धि और विकास के लिए जाना जाता है।’ उन्होंने 1962 के युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले किबिथू के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘चीनी संप्रभुता का उल्लंघन’
अमित शाह के दौरे को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि‘जंगनन, (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी नाम) चीन का एक हिस्सा है। जंगनन में वरिष्ठ भारतीय अधिकारी की गतिविधि से चीन की संप्रभुता का उल्लंघन होता है और यह सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन के अनुकूल नहीं है। हम इसका दृढ़ता से विरोध करते हैं। इसके कुछ दिन पहले ही भारत ने सीमावर्ती राज्य के कुछ स्थानों का नाम बदलने के चीनी कदम की आलोचना की थी।