एचजेडएल: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दी विनिवेश को अनुमति, सीबीआई जांच होगी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) में अपनी बची हुई हिस्सेदारी की खुले बाजार में विनिवेश करने की अनुमति गुरुवार को प्रदान कर दी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के साथ ही उसकी प्रगति रिपोर्ट हर तीन माह पर पेश करने का भी आदेश दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि वह अपनी शेष 29.5 प्रतिशत (मूल्य लगभग 40,000 करोड़ रुपये) का विनिवेश खुले बाजार में कर सकती है, क्योंकि एचजेडएल अब सरकारी कंपनी नहीं है।

पीठ ने यह भी कहा कि विनिवेश करने में सेबी के नियमों एवं विनियमों का पालन किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शेयरों की बिक्री अधिकतम मूल्य पर की गई। शीर्ष अदालत ने 1997-2003 के विनिवेश के मामले में सीबीआई की ओर से प्रारंभिक जांच बंद करने पर आपत्ति जतायी तथा मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।

वकील प्रशांत भूषण एवं अन्य ने 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के दौरान एचजेडएल के शेयर बेचने के मामले में कई आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकांश हिस्सेदारी बेचने में अनियमितता की गई, जिससे सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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