एक नई पहल, बाल आश्रय गृह एवं बालिका आश्रय गृह में कुपोषण की रोकथाम को लेकर सीडीओ अस्मिता लाल करेंगे देखरेख

गाजियाबाद। लायक हुसैन। आई0सी0डी0एस0 के पोषण पखवाडे के अर्न्तगत जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के कुशल निर्देशन में सी0डी0ओ0 अस्मिता लाल के द्वारा जनपद गाजियाबाद में एक नई पहल कुछ बाल आश्रय गृह एवं बालिका आश्रय गृह में कुपोषण की रोकथाम के लिए बच्चो एवं किशोरियों का वजन, लम्बाई एवं हेमोग्लोबिन की जॉच कर सैम-मैम बच्चो को किया गया चिन्हित चिन्हिकरण के उपरान्त डॉक्टर से परामर्श के अनुसार सीडीओ द्वारा देखभाल किये जाने के दिए गए निर्देश बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाओ को निर्देशित किया गया की समय-समय पर आश्रय स्थलों का निरीक्षण/जॉच कराया जाना सुनिश्चित करें दिनांक 28 मार्च, 2022 में आई0सी0डी0एस0 के पोषण पखवाडे के अर्न्तगत बालक एवं बालिका आश्रय गृह भ्रमण माह मार्च, 2022 में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहर उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देशानुसार पोषण पखवाड़े के अन्तर्गत जनपद गाजियाबाद में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के कुशल निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल के द्वारा एक नई पहल की गई। कुछ बाल आश्रय गृह एवं बालिका आश्रय गृह में कुपोषण की रोकथाम के लिए बच्चों एवं किशोरियों का वजन, लम्बाई एवं हेमोग्लोबिन की जॉच की कर सैम-मैम (Severe Acute Malnutrition/Moderate Acute Malnutrition) बच्चों को चिन्हित किया गया।

चिन्हिकरण के उपरान्त डॉक्टर से परामर्श के अनुसार देखभाल किये जाने के निर्देश दिये गये। बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाओं को निर्देशित किया गया की समय-समय पर आश्रय स्थलों का निरीक्षण/जॉच करायी जाये। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (समन्वित बाल विकास योजना) आई0सी0डी0एस0 कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में बच्चो में शारीरिक, मानसिक एवं समाजिक विकास की नींव डालना, 0-6 वर्ष से छोटे बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाना, मृत्यु दर, अस्वस्थता, कुपोषण एवं स्कूल की पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की दर कम करना, बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के बीच नीति निर्धारण एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए हर स्तर पर उचित समन्वय स्थापित करना एवं उचित सामुदायिक शिक्षा के माध्यम से माताओं की क्षमताओं का विकास करना जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पोषण एवं विकास की आवश्यकताओं को पहचान सके और निर्णय ले सके साथ ही बच्चों की उचित देख-भाल कर सके। उन्होंने बताया कि इन्हीं उद्देश्यों के अनुश्रवरण में जनपद गाजियाबद के कई बाल आश्रयगृहों का निरीक्षण किया गया जिसमें उदय खुला बाल आश्रय गृह गॉधीनगर गाजियाबाद में कुल 19 बच्चों का वजन, लम्बाई एवं हेमोग्लोबिन की जॉच करायी गई, ग्रेस केयर मूवमेंन्ट बाल गृह बालिका वसुन्धरा गाजियाबाद में कुल 28 बालिकाओं का वजन एवं लम्बाई की जॉच करायी गई, उड्डयन केयर होम बालिका सूर्यनगर गाजियाबाद में कुल 13 बालिकाओं का वजन एवं लम्बाई की जांच करायी गई, लाल बहादुर शास्त्री सुदर्शनम बाल आश्रय गृह बालक वसुन्धरा गाजियाबाद में कुल 12 बच्चों का वजन एवं लम्बाई की जॉच करायी गई एवं घरौंदा बाल गृह (शिशु) विशेषीकृत दत्तक ग्रहण इकाई, पंचशील गाजियाबाद में कुल 35 बच्चों का वजन एवं लम्बाई की जॉच करायी गई। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान बाल आश्रय गृहों में 107 बच्चों को वजन/लम्बाई एवं हीमोग्लोबिन की जॉंच की गई। स्वास्थ्य जांच में 107 बच्चों के सापेक्ष 03 बच्चे सैम श्रेणी में पाये गये जिन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कराने के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र छत्ब्द्ध सन्दर्भित किया गया। शेष सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक चिकित्सीय सेवाएं प्राप्त करायी गई एवं प्रत्येक माह सभी बच्चों के स्वास्थ्य (वजन/लम्बाई एवं उंचाई की नियमित निगरानी किये जाने के लिए सम्बंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया गया। आश्रय गृह के निरीक्षण के समय जिला कार्यक्रम अधिकारी, गाजियाबाद, मण्डल समन्वयक, यूनिसेफ गरिमा, बाल विकास परियोजना अधिकारी शहर गाजियाबाद एवं मुख्य सेविका रचना तोमर एवं कमलेश कुमारी उपस्थित रहे। गौरव दयाल अपर जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद भी मौके पर मौजूद रहे।

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