हॉस्पिटल में 8 घंटे तक बेड पर पड़ा रहा मरीज का शव, मरीजों ने खौफ में गुजारी रात

कानपुर।शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोरोना काल में टीबी पेशेंट की मौत हो जाने पर उसकी बॉडी लगभग 8 घंटे तक वार्ड में बेड पर पड़ी रही। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को लाश के साथ खौफ में रात गुजारनी पड़ी। वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन से वार्ड से लाश हटवाने की मांग कीए लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। बेड पर पड़ी लाश का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।


बिल्हौर निवासी शिवम राठौर टीबी की बीमारी से पीड़ित था। शिवम मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में बीती 10 सितंबर को भर्ती हुआ था। बीते मंगलवार देर रात उसकी मौत हो गई। डॉक्टरो ने भी मरीज को मृत घोषित किया और चले गए। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों के तीमारदारों ने हॉस्पिटल प्रशासन से लाश हटाने की अपील की लेकिन उनकी फरियाद किसी ने भी नहीं सुनी।


वार्ड में भर्ती मरीजों ने खौफ बिताई रात

शिवम की मौत हो जाने के बाद उसका शव बेड पर ही पड़ा रहा। लाश के चारों तरफ पड़े अन्य बेड पर दर्जनों मरीज भर्ती थे। बगल में बेड पर पड़ी लाश को देखकर मरीज और उनके साथ तीमारदार पूरी रात ठीक ढंग से सो नहीं पाए। मरीजों और तीमारदारों ने बैठकर रात गुजारी। बुधवार सुबह जब मृतक के शव को मार्चुरी में भेजा गया तब जाकर मरीजों ने राहत की सांस ली।


मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने दी सफाई
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आरबी कमल ने बताया कि शिवम राठौरए जो 10 सितंबर को भर्ती हुआ था,अकेले अस्पताल आया था। उसके साथ में कोई नहीं था। पेशेंट ने पिता का नाम कैलाश राठौर बताया था। वह टीबी का मरीज था और जब वह यहां आया था तब उसकी हालत बहुत गंभीर थी।
शिवम ने एक नंबर दिया था। जब उस नंबर पर कॉन्टैक्ट किया गया तो पता चला कि वह नंबर उसके गांव के प्रधान का है। इसके बाद प्रधान को पूरी घटना बताई गई, लेकिन उनका अभी तक कोई मैसेज नहीं आया है।

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