Vinesh Phogat Paris Olympic: विनेश तुम हारी नहीं… ओलंपिक्स से लेकर सम्मान तक, हर लड़ाई डटकर लड़ने वाली पहलवान !

Vinesh Phogat Paris Olympic: माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई, माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी, ये पोस्ट विनेश फोगट के सोशल मीडिया प्लेटफार्म किया गया है, और इस पोस्ट देख कर इतना तो जरूर समझ आया की। रेसलिंग के मैदान पर अपने विरोधी खिलाड़ी से लेकर देश के सिस्टम तक से डटकर लड़ने वाली लड़की आज टूट गई है, वो निराश है, और हो भी क्यों न… जब आप मंजिल के बिलकुल करीब हो और आखिरी सीढ़ी से आपका पैर फिसल जाए। तो निराशा लाजमी है और वो भी तब जब आखिरी सीढ़ी पर पैर रखने का मौका आपको मिले ही नहीं।

ओलिंपिक 2024 में भारत की शान में चार चाँद लगाने को तैयार विनेश फोगट ने सेमीफइनल में क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को हराकर फाइनलस की राह पक्की कर ली, ऐसा करने के बाद विनेश रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बन गई। विनेश ने 50 kg भार केटेगरी में मुकाबला लड़ा था। फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें 3 मुकाबलों पर कब्ज़ा करना था जिसे विनेश ने देखते ही देखते जीत भी लिया। विनेश ने क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी और सेमीफइनल में पहुंच गई।

सेमीफाइनल में पहुंचने के उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को हराया और फाइनल में पहुंच गई। 7 अगस्त को फाइनल मुकाबला खेला जाना था, ये मुकाबला विनेश फोगाट और अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट के बीच होना था। पूरे भारत देश को उम्मीद थी की विनेश गोल्ड मैडल लेकर ही इंडिया वापस आएँगी। पर नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। मुकाबले से कुछ घंटे पहले जब विनेश का वजन किया गया तो पता चला कि वो तय भार से करीब 115 ग्राम ज्यादा हैं। वजन के बाद उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया, भारत के लिए रेसलिंग ओलम्पिक का गोल्ड मैडल अब सपना बन चुका था। सेमीफइनल में विनेश से हारने वाली रेसलर गुजमान लोपेजी ने उनकी जगह फाइनल मुक़ाबला खेला। हालाँकि की ये मुकाबला अमेरिकी पहलवान ने अपने नाम किया पर भारतीय फैंस के लिए ये टीस अब एक बड़ा दर्द बन चुकी थी। और ये दर्द लावा बनकर सोशल मीडिया पर फूटने लगा। भारतीय फैंस अपनी भड़ास सोशल मीडिया के जरिये निकाल रहे थे। कोई विनेश के लिए संवेदनाये दे रहा था तो कोई अपील कर रहा था की विनेश को कम से काम सिल्वर मैडल दिया जाये।

हालाँकि विनेश और उनकी सहयोगी टीम को पता था कि उनका वजन कुछ इधर उधर हुआ है, वजन के मानकों पर खरा उतरने के लिए विनेश अपने बाल कटवा दिए, सारी रात जागती रही, एक्सरसाइज करती रही ताकि वह तय वजन यानि 50 KG भार में फिट हो जाये। पर फाइनल मुकाबले से पहले जब विनेश का वजन तौला गया तो पता चला कि उनका वजन अभी भी कुछ ग्राम ज्यादा है।

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हालाँकि विनेश के सपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश का हर व्यक्ति खड़ा है, पीएम मोदी ने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा से कहा था कि वे रेसलर की मदद के तरीके तलाशें। प्रधानमंत्री ने उषा से इस मामले में विरोध दर्ज कराने को भी कहा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ओलिंपिक कमेटी ने विनेश को सिल्वर मेडल देने की मांग पर विचार करने को कहा है। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भले ही विनेश को फाइनल खेलने का मौका नहीं मिला पर उन्हें सारी सुविधाएं गोलड मेडलिस्ट वाली ही मुहैया कराई जाएँगी।

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