अमेठी:अक्सर बंद रहता है साहब का कार्यालय
मुसाफिरखाना के सप्लाई इस्पेक्टर की लापरवाही की वजह से लोगो को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लगभग 15 से 20 किलोमीटर दूरी से लोग आते हैं और पूर्ति विभाग कार्यालय की परिक्रमा कर निराश होकर वापस चले जाते हैं बताते चलें कि मुसाफिरखाना तहसील के चर्चित वह अपनी कारगुजारी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सप्लाई इस्पेक्टर की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी ही कम है यह अपने ऑफिस का दरवाजा बंद करके उस पर एक पर्ची चिपका देते हैं जिस पर लिखा होता है राशन कार्ड फीडिंग के कार्य अग्रिम आदेशों के आने तक फील्डिंग बंद है और एक पर्ची पर नए राशन कार्ड की फीडिंग लगभग समस्त ग्राम पंचायतों के लक्ष्य पूर्ण होने के कारण फीडिंग बंद है इसकी वजह से संपूर्ण तहसील से शिकायतकर्ता अपनी शिकायत के संशोधन के लिए बड़ी उम्मीद से आते हैं और निराश होकर घर वापस चले जाते हैं उसको करोना जैसी महामारी के समय में यह सोचकर आते हैं कि आज मेरा राशन कार्ड का कार्य हो जाएगा और मुझे भी राशन मिलने लगेगा जिससे मुझे और मेरे बच्चों को खाने को लाने नहीं पड़ेंगे लेकिन महोदय को ऑफिस खोलने की फुर्सत ही नहीं मिलती कहा जाए तो साहब को तो समय से सैलरी मिलती है ही है लेकिन जनता के बारे में सोचने का साहब के पास समय कहां है और ऊपर इनकम भी हो जाती है उनको जनता के दुख दर्द से क्या मतलब है अब तो यह कहावत भी साबित होती है कि अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता इन महोदय की कारगुजारी की शिकायत कोई पहली बार नहीं हुई है कई बार जनता कर चुकी है लेकिन जनता की सुनी कहां जाती है लोग आते हैं और ऑफिस बंद देखकर वापस चले जाते हैं