यूपी: अनुप्रिया पटेल के ने उठाया जातीय जनगणना के मुद्दा, हर दल की निगाह पिछड़े वर्ग पर टिकी

लखनऊ। 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू ने जातिगत जनगणना कराए जाने का मुद्दा उठाया, उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सहयोगी अपना दल की नेत्री व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जातिगत जनगणना की मांग कर दी है। अनुप्रिया पटेल पहले से भी जातिवार जनगणना की वकालत करती आ रही हैं। विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मांग के लोग कई राजनीतिक मायने निकाले रहे हैं। बीते दिनों सरकार के कामकाज का लेखा जोखा लेकर नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल उत्तरप्रदेश के प्रयागराज पहुंची थी।

इस दौरान अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार और केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर तारीफों के पुल बांधे और विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन की जीत का दावा किया। इस दौरान अनुप्रिया पटेल ने ओबीसी जनगणना का मुद्दा भी उठा दिया। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश में 1931 के बाद से पिछड़ी जातियों की जनगणना नहीं हुई है। केंद्र सरकार पिछड़ी जाति की जनगणना करवाए। उन्होंने कहा कि एक पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय का गठन भी किया जाना चाहिए।

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि संसद में सर्वदलीय बैठक के साथ ही एनडीए की बैठक में भी पार्टी की तरफ से मांग उठाई गई है। आने वाले दिनों में भी इस मांग को हमारी पार्टी उठाएगी। उत्तरप्रदेश में करीब 43 फीसदी ओबीसी मतदाता हैं जो चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। इसलिए राजनीतिक पार्टियां ओबीसी वोट बैंक को साधने में जुटी है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ ही 2017 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को बड़ी संख्या में ओबीसी वोट मिले थे जिसकी वजह से बीजेपी को इन चुनावों में बड़ी जीत मिली थी।

सभी पार्टियां एक बार फिर से जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर ओबीसी वोट बैंक को साधने में जुटी है और इसमें भाजपा की सहयोगी अपना दल भी शामिल है। केंद्र की भाजपा सरकार जातिगत जनगणना कराने से पहले ही मना कर चुकी है लेकिन विपक्षी दलों के अलावा भाजपा के कई सहयोगी दल भी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना कराने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात भी करेंगे।

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बिहार में नीतीश कुमार और उनके धुर विरोधी तेजस्वी यादव भी साथ आ गए हैं। पिछले दिनों मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा किसी और जाति की गिनती का कोई आदेश नहीं दिया है। पिछली बार की तरह ही इस बार भी एससी और एसटी को ही जनगणना में शामिल किया गया है। गृह राज्य मंत्री के बयान के बाद से ही कई राजनीतिक दल ओबीसी जनगणना कराए जाने की मांग तेज कर रहे हैं।

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