लखनऊ: अभिभावकों में कोरोना का खौफ, स्कूलों में पहुंच रहे सिर्फ 50 फीसदी बच्चे

लखनऊ। शासन के निर्देश पर एक सितंबर से कक्षा एक से पांच तक के सभी स्कूल खुल गये हैं, लेकिन इन ​स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए अभी भी अभिभावक कतरा रहे हैं, यही कारण हैं कि अभी तक स्कूलों तक 50 प्रतिशत ही बच्चे पहुंच सके हैं, अधिकांश स्कूलों अभिभावक बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। इसी बीच निजी स्कूल प्रबंधनों ने प्री नर्सरी और केजी के बच्चों के लिए भी 13 सितंबर से स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है। स्कूल प्रबंधकों ने अपने अपने शिक्षकों को अभिभावकों से बातचीत करने के लिए भी लगा दिया है, लेकिन अभिभावक छोटे बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं है।

अभिभावकों को चिंता इस बात की है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण में कहीं उनके बच्चे किसी खतरे के शिकार न पड़ जाएं। ऐसे में वह अभी इसी असमंजस में हैं कि अपने बच्चे को स्कूल भेजें या न भेजें। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी स्कूल, कॉलेजों को बंद कर दिया गया था, लेकिन जब संक्रमण कम होने लगा तो बंद स्कूल, कॉलेजों को खोलने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद कक्षा एक से पांच तक के स्कूल खुल गये हैं।

अगर बच्चा संक्रमित हुआ तो किसकी जिम्मेदारी

अभिभावकों का कहना है कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे समझा जा सकता है कि संकट अभी टला नहीं है। ऐसे में अगर उनका बच्चा संक्रमित होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। अभिभावक मनोज कुमार, श्याम सुंदर, जितेंद्र मिश्रा, सोमेश सिंह का कहना है कि स्कूल वाले यह लिखवा रहे हैं कि अभिभावक अपनी सहमति से स्कूल भेज रहे हैं। इसका मतलब वे नहीं चाहते हैं कि बच्चों को स्कूल भेजें, क्योंकि अगर बच्चे को कुछ भी हुआ, तो स्कूल वालों की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

बच्चों में 60 प्रतिशत के करीब ही मिली है एंटीबॉडी

पिछले दिनों शासन के निर्देश पर जिले में सीरो सर्वे हुआ था। इसमें सभी उम्र के लोगों और बच्चों के सैंपल लिए गए थे, उनके अंदर रोग-प्रतिरोधक क्षमता कितनी है, इसका पता लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सर्वे में जिले के युवाओं के अंदर 70 प्रतिशत के आसपास एंटीबॉडी मिले। वहीं छोटे बच्चों में यह प्रतिशत लगभग 60 के करीब है।

स्कूल एसोसिएशन ने उठाया ये कदम

अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन व प्रीस्कूल्स एसोसिएशन स्कूल एसोसिएशन के द्वारा आम सहमति से निर्णय लिया गया है कि प्रीस्कूल्स यानी नर्सरी, लोअर केजी, एंड अपर केजी की कक्षाओं का संचालन 13 सितंबर से अभिभावकों की सहमति के आधार पर प्रारंभ किया जाएगा। इस बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल कहते हैं कि क्योंकि प्रीस्कूल्स किसी भी शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग कक्षा एक से आठ तक अपने आदेश जारी करता है एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग कक्षा नौ से 12 तक पूर्व में भी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय कक्षा एक से आठ या नौ से 12 के लिए ही लिया गया कभी भी प्रीस्कूल्स के लिए कोई भी आदेश अलग से नहीं आया। उसके मद्देनजर एसोसिएशन के सभी मेंबर्स को उसके द्वारा यह तय किया गया है कि अभिभावकों की सहमति के आधार पर इन कक्षाओं का विधिवत संचालन 13 सितंबर से प्रारंभ कर दिया जाएगा बच्चों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाएगा।

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