बाराबंकी: अवैध क्लीनिकों व नर्सिंग होमों पर लगाने में स्वास्थ्य विभाग फेल

बाराबंकी। जिले के टिकैतनगर कस्बा व आस-पास के गांवों में बढ़ती जा रही अवैध क्लीनिकों व नर्सिंग होमों पर स्वास्थ्य विभाग अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। क्लीनिक वाले बेंच पर ही मरीजों को ग्लूकोज का बोतल लगाकर इलाज कर रहे हैं। मौसमी बुखार पीड़ितों की संख्या बढ़ने से झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी हो रही है।

टिकैतनगर कस्बे के अलावा ग्रामीण क्षेत्र कस्बा इचौली, बारिनबाग, सराय बरई ,न्यामतगंज,मे दर्जनों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर मरीज के पहुंचते ही ग्लूकोज की बोतल लगा देते हैं। कई बार मरीज की तबियत सुधरने के बजाए और भी खराब हो जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अंजान बना हुआ है।

झोलाछाप डाक्टरों का यह धंधा खूब चल रहा है। एक या दो बोतल ग्लूकोज चढ़ाने के बदले में 500 से 1000 रुपये ठग लेते हैं। इनके इलाज से कई बार लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ता है। यही नहीं झोलाछाप डॉक्टर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर ये उनका लेबल हटाकर खुली गोलियां उन्हें देते हैं ताकि मरीज दुकान से जाकर ये दवा ना खरीद सके और दोबारा फिर उसी के पास ही आए।

नगर पंचायत टिकैतनगर के बाईपास पर रामनगर रोड पर संचालित क्लीनिक पर खुलेआम बेंचो पर मरीजों को लिटा कर उनको ग्लूकोज की बोतल लगाई जा रही हैं। यहां पर फर्जी झोलाछाप डॉक्टर दयाराम मरीजों का शोषण कर रहा है। इसी तरह टिकैत नगर से रामनगर रोड पर अर्पण पॉलीक्लिनिक के नाम से नर्सिंग होम बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा है। जहां पर अस्पताल कर्मियों के सांठगांठ से रात में प्रसव कराए जाते है। बिना प्रशिक्षित डॉक्टर व नर्स यहां पर काम करते हैं।

बड़ी बीमारियों का भी होता है इलाज

झोलाछाप डॉक्टर दयाराम का काम सिर्फ सर्दी-खांसी तक सीमित नहीं है। वह बड़ी बड़ी बीमारियों का इलाज करने का दावा करके मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इनको किसी का डर नहीं है। जिसके कारण मलेरिया, टायफाइड जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करते हुए मरीज की जान को खतरे में डाल देते हैं। कुछ नामी दवाइयों के नाम रटकर संबंधित बीमारी की गोलियां और एक मलेरिया का इंजेक्शन कहकर ग्लूकोज चढ़ा देते हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं।

अवैध रूप से किसी को भी चिकित्सा व्यवसाय करने का अधिकार नहीं है। इसके लिए पूरी नियमावली व दिशा-निर्देश हैं, जिनका पालन किया जाना जरूरी है। हाल ही में कुछ डॉक्टरों के खिलाफ अवैध रूप से प्रैक्टिस करने की शिकायतें मिली हैं, जिन पर जांच की जा रही है।जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी…डॉ हेमंत गुप्ता, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी टिकैतनगर।

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