केंद्र व प्रदेश सरकार के तय मानक पर नहीं मिली ग्रेच्युटी, सेवानिवृत्त कर्मियों ने लगाया आरोप
लखनऊ। यूपी कोआपरेटिव फैडरेशन लिमिटेड (पीसीएफ) के सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मियों को केंद्र और राज्य सरकार के जारी निर्देशों के बावजूद लागू की गई ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं हो रहा है। यह आरोप पीसीएफ के सेवानिवृत्त कर्मियों का है। उनका कहना है कि इसके लिए भाजपा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी ने मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, प्रमुख सचिव सहकारिता और आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
पीसीएफ के सेवानिवृत्त कर्मियों का आरोप है कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा दी पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट (अमेंडमेंट) एक्ट 1972 (एक्ट नं. 39 आफ 1972) की धारा के संशोधन के अनुसार 29 मार्च 2018 के बाद सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों को 20 लाख रुपये की संशोधित दर से ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पीसीएफ प्रबंध निदेशक ने ग्रेच्युटी का भुगतान संशोधित दर से करने के लिए 24 मई 2018 को निर्गत किया था लेकिन आदेश को चार जुलाई 2018 से स्थगित करते हुए एक कमेटी का गठन किया था।
करीब तीन वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रबंध निदेशक द्वारा गठित कमेटी की बैठक न होने से 29 मार्च 2018 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से 20 लाख रुपये किए जाने का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके लिए आयुक्त और प्रबंध निदेशक से इसी वर्ष एक जुलाई, 13 जुलाई, पांच अगस्त और 28 सितंबर से मिले लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।
साथ ही छठवें वेतनमान आयोग की संस्तुति के अनुसार एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2011 की अवधि का एरियर का भुगतान भी नहीं किया गया। इन कर्मियों में राकेश द्विवेदी, सुबास सिंह, किशन कुमार द्विवेदी, दीप कुमार हलेजा, अशोक कुमार जोशी, खालिद रहमानी, हरिश बहादुर सिंह, शैलेन्द्र तिवारी और अवेधश सिंह समेत कई लोग है।
पीसीएफ 487 करोड़ रुपये नुकसान में है। ऐसे में यहां पर सातवें वेतनमान आयोग के प्रावधान लागू नहीं है। जब प्रावधान नहीं लागू तो उस नियम के तहत ग्रेच्युटी कैसे दी जा सकती है…मासूम अली सरवर, प्रबंध निदेशक, पीसीएफ, कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड।