शाह से जुदा हुए केशव के सुर, यूपी चुनाव को लेकर कह दी ये बड़ी बात
लखनऊ। विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी भाजपा में अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं है। एक ओर गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को 2024 में प्रधानमंत्री बनाने के लिए योगी को 2022 में मुख्यमंत्री बनाना होगा। वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने दो दिन बाद रविवार को कह दिया कि भाजपा यूपी में कमल के फूल के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। उनके इस बयान से पार्टी में खलबली मची है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में नेतृत्व को लेकर कई महीने पहले जमकर अटकलबाजियां हुई थीं। पार्टी का एक खेमा प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कोशिश में जुटा था। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने पार्टी और संघ को ऐसा साधा कि सारी कवायद धरी रह गई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ संकेत दे दिए कि यूपी में योगी ही पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं। शुक्रवार को लखनऊ में अमित शाह ने योगी की भूरि-भूरि सराहना की थी। इससे पहले पहले प्रधानमंत्री खुद योगी की सराहना कर चुके हैं।
शाह ने अपने भाषण में यह साफ कर दिया था कि चुनाव योगी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और भाजपा सरकार में आई तो फिर योगी ही मुख्यमंत्री होंगे। रविवार को हाथरस पहुंचे उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने अपने संबोधन में कहीं भी मुख्यमंत्री या योगी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। यही नहीं उन्होंने यूपी में उपलब्धियां गिनाते समय प्रदेश सरकार का ही जिक्र किया और कहा कि यूपी के दिल में नरेंद्र मोदी हैं। बाद में मीडिया ने जब उनसे पूछा कि किसके नेतृत्व में भाजपा चुनाव लड़ेगी तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि कमल के फूल के। इस बयान के बाद पार्टी में मची हलचल और इसके राजनीतिक असर पर भाजपा का कोई नेता कुछ बोलने से कतरा रहा है।
योगी के नाम से केशव को परहेज
उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य की योगी आदित्यनाथ से प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। केशव के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था और बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बन गए। यहीं से वर्चस्व की लड़ाई जारी है। केशव को उस वक्त तो उप मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी ने राजी कर लिया था, लेकिन खटास कम नहीं हुई। पिछले काफी समय से केशव माैर्य अपने भाषणाें में मुख्यमंत्री पद या नाम का उल्लेख ही नहीं कर रहे हैं। प्रदेश में विकास को वे प्रदेश सरकार की उपलब्धियां कहते हैं और प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ करते हैं। भाजपा की ओर से जारी होने वाली विज्ञप्तियां बाकायदा उनके इस रुख की गवाह हैं। जबकि प्रदेश में आने वाले केंद्रीय नेता भी योगी-योगी कर रहे हैं।