खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दुकानों का व्यापक अभियान चलाकर किया गहन निरीक्षण

आजमगढ़ । कोविड-19 महामारी से बचाव के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त प्रकार के कारोबार करने वाले व्यापरियों/प्रतिष्ठानों हेतु विशेष व्यापार संचालन प्रक्रिया निर्धारित की है, जिसका अनुपालन करना सभी के लिए अपरिहार्य है। जैसे- प्रतिष्ठान पर थर्मल स्कैनर, सेनिटाइजर, पल्स आक्सीमीटर की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।

सभी दुकानदारों एवं ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य है, सोशल डिस्टेन्सिंग के अनुपालनार्थ दुकान/प्रतिष्ठान के सामने गोला बना हो एवं बैरिकेटिंग की गई हो, दुकान/प्रतिष्ठान में एक समय में 05 व्यक्ति से अधिक लोग न हों। सभी प्रकार के कारोबार कर्ताओं को एक रजिस्टर रखना अनिवार्य होगा, जिसमें दुकान/प्रतिष्ठान पर आने वाले प्रत्येक आगन्तुकों का नाम, पता एवं मो0नं0 दर्ज करना होगा, जिससे कि किसी आकस्मिकता की स्थिति में कोविड-19 के दृष्टिगत सभी प्रभावितों को ट्रेस किया जा सके एवं संदिग्ध के पाये जाने पर उसकी सूचना कन्ट्रोल रूम को तत्काल उपलब्ध करायें।

तत्क्रम में आज अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, डाॅ0 दीनानाथ यादव के निर्देशन में पूरे जनपद में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम द्वारा व्यापक अभियान चलाकर गहन निरीक्षण किया गया, जिसमें कामधेनु स्वीट्स मातवरगंज, किरानाज मातवरगंज, महावीर स्वीट्स आसिफगंज, पद्मालय स्वीट्स चैक आजमगढ़, त्रिलोकी नाथ रैदोपुर, मनीष स्वीट्स रैदोपुर, श्याम स्वीट्स चैक आजमगढ़, मे0प्रिंस किराना एण्ड जनरल स्टोर पल्हना, पूजा स्वीट्स हाउस एण्ड काफी सेण्टर मसीरपुर लालगंज, ओम सांई श्रद्धा स्वीट्स गोसाईं की बाजार, मौर्या स्वीट्स हाउस मसीरपुर लालगंज, विवके स्वीट हाउस पल्हना बाजार, रसराज स्वीट्स हाउस कप्तानगंज, खट्टी दही जीयनपुर, बरनवाल मेडिकल स्टोर बेलकुण्डा, तुलसी ट्रेडर्स बिलरियागंज आदि, इस प्रकार कुल 37 दुकानों/प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया।

इसी के साथ ही सभी दुकानों/प्रतिष्ठानों को 02 दिन में अनिवार्य रूप से समस्त कमियों को दूर करने हेतु नोटिस दी गई है। इसका अनुपालन न किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा माननीय न्यायालय में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के सुसंगत प्रावधानों के तहत संबंधित न्यायालय में वाद दायर कर दिया जायेगा, जिसमें अधिकतम 02 लाख रू0 तक का अर्थदण्ड देय हो सकता है।

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