राजनीत नहीं,साहित्य बनाता है समाज – डॉ वजाहत
फतेहपुर । सात आसमान,कैसी आगी लगाई,जिन लाहौर नई वेख्या, महाबली जैसी अनेक कालजई साहित्य समाज को देने वाले प्रख्यात साहित्यकार डॉ असगर वजाहत ने कहा है कि राजनीति नहीं बल्कि साहित्य बनाता है समाज इसलिए समाज में साहित्य की बहुत बड़ी भूमिका है।श्री वजाहत हथगाम नगर के ठाकुर जय नारायण सिंह मेमोरियल पीजी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।बाद में उन्होंने कंपोजिट विद्यालय मोहलिया में नवनिर्मित पुस्तकालय का फीता काटकर शुभारंभ भी किया।
इसके पहले प्राचार्य रमेश चंद्र ने मुख्य अतिथि डॉक्टर असगर वजाहत एवं विशिष्ट अतिथि सैयद अब्दुल्ला जाफरी को शाल भेंट कर उनका सम्मानित किया।श्री वजाहत ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित करने के बाद समाज में साहित्य की भूमिका विषयक संगोष्ठी पर बहुमूल्य विचार व्यक्त किए।उन्होंने कई प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया किस तरह साहित्य,संगीत,कला,कविता ने न जाने कितने लोगों को आत्महत्या करने से रोकने का काम किया।ऐसे अनेक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्यता हर क्षेत्र में आवश्यक है और यह मनुष्यता साहित्य से ही संभव है। साहित्य एवं शिक्षा नहीं है तो मनुष्य मनुष्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि साहित्यकार मर जाने के बाद भी समाज को कुछ न कुछ देता रहता है।समाज को सभ्य,संस्कारित,सुंदर एवं शांतिप्रिया बनाने में साहित्य की बहुत बड़ी भूमिका है।राजनीति समाज को नहीं बनाता।
प्रख्यात लेखक डॉ असगर वजाहत ने कहा जो लोग शिक्षा एवं शिक्षण कार्य कर रहे हैं वे असल में देश की सेवा ही कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि कई विकसित देशों में राष्ट्रपति सबसे पहले शिक्षकों का अभिवादन करते हैं और अपने यहां बुलाते हैं।उन्होंने कहा कि साहित्य ने राष्ट्रीय आंदोलन को गति दी थी। रचनाकार ही समाज को सशक्त बना सकता है।साहित्य संस्कार देता है।समाज और व्यक्तित्व बनाने में भूमिका निभाता है। अच्छा नागरिक बनाता है।निराशा में आशा का संचार करता है। साहित्य संकट के समय संबल प्रदान करता है।कलाएं मनुष्य को मनुष्य बनाने का सबसे बड़ा साधन है।संस्कार बनाने का काम कलाएं करती हैं,राजनीति नहीं। उन्होंने कुछ देशों का उदाहरण दिया जहां करेंसी में कलाकारों के चित्र छपे होते हैं।कार्यक्रम में डॉ आरबी सिंह ने आभार व्यक्त किया जबकि संचालन शिवशरण बन्धु हथगामी ने किया।कवि शिवम हथगामी ने कलाम सुनाकर माहौल को और अधिक खुशगवार कर दिया।
इस मौके पर,विनोद मौर्य, हरि गोविंद,लव प्रताप सिंह,रमेश मौर्य,जितेंद्र सिंह,प्रवीण कुमार, जितेंद्र गुप्ता,अनिल द्विवेदी, नमिता यादव,फरीद अहमद, सौरभ श्रीवास्तव,ईश्वर चंद्र,नीतेश द्विवेदी,लालजी गुप्त,शैलेंद्र कुमार,राम कुमार शर्मा,शिवपाल यादव,कैलाश शरण सहित पूरा स्टाफ मौजूद रहा।
वही प्रख्यात लेखक असगर वजाहत कंपोजिट विद्यालय मोहनिया में नवनिर्मित पुस्तकालय का शुभारंभ किया इस मौके पर,विशिष्ट अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी विश्वनाथ पाठक के प्रतिनिधि के रूप में एआरपी नवल द्विवेदी उपस्थित रहे।कॉलेज की हेड शाहीन तबस्सुम के नेतृत्व में स्वागत किया गया।इस मौके पर,प्रधान प्रतिनिधि नियाज अहमद,नफीस अहमद,राकेश कुमार,मंसूर हसन,प्रदीप कुमार सिंह कुलदीप कुमार,शिवेंद्र मिश्र, दीपक निरंजन,शिव लखन साहू, बीर सिंह, दुर्गाशंकर आदि अनेक लोग मौजूद रहे।