कोरोना के लिए धन की कमी न हो : मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से प्रभावित व्यक्तियों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जनपदों में इसके लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि 25 लाख से कम जनसंख्या वाले जनपदों को 3 करोड़ रुपये तथा 25 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों को 5 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जाएं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कोविड-19 की उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इस धनराशि का व्यय जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कमेटी की संस्तुति पर किया जाए।
सभी कोविड अस्पतालों में सीनियर डॉक्टरों द्वारा निगरानी के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति को कोविड चिकित्सालय में बेड उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी कोविड अस्पतालों में सीनियर डॉक्टरों द्वारा राउण्ड लिया जाए। कोविड चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सहित सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल की श्रेणी के आधार पर वेन्टिलेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन के मरीजों की मॉनीटरिंग के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए। मेडिकल टेस्टिंग में और वृद्धि करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिदिन एक लाख से अधिक टेस्ट निरन्तर किये जाएं।
एसजीपीजीआई को निर्देश, जिलों में भेजें जाएं विशेषज्ञ डॉक्टर
आर0टी0पी0सी0आर0 से 40 हजार टेस्ट तथा रैपिड एण्टीजन टेस्ट विधि से 65 हजार टेस्ट प्रतिदिन किये जाएं। मुख्यमंत्री ने निदेशक, एस0जी0पी0जी0आई0 को कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, झांसी तथा गोरखपुर के मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में कोविड-19 की उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के भ्रमण के दौरान सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, सीनियर फैकल्टी, कोविड अस्पतालों के प्रभारी डिप्टी सी0एम0ओ0 तथा वेन्टिलेटर संचालक उपस्थित रहेंगे।
राजधानी लखनऊ के लिए भी विशेषज्ञ टीम बनाने के निर्देश
उन्होंने जनपद लखनऊ में आवश्यक समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के गठन के भी निर्देश दिये हैं। यह कोविड चिकित्सालयों का भ्रमण कर इन अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करेगी तथा आवश्यकतानुसार अन्य प्रबन्ध भी सुनिश्चित कराएगी। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक, स्वास्थ्य को प्रत्येक कोविड अस्पताल के प्रभारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एवं महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा को प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल से निरन्तर संवाद बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, डोर टू डोर सर्वे कार्य तथा कोविड संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्तियों के एण्टीजेन टेस्ट की व्यवस्था का प्रभावी संचालन जारी रखा जाए। प्रत्येक जनपद में एल-2 कोविड अस्पताल स्थापित किया जाए। इस कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
आधी एम्बुलेंस कोरोना के लिए तथा बाकी की आधी अन्य मरीेजों के लिए इस्तेमाल हों
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोविड मरीजों के लिए तथा शेष 50 प्रतिशत नॉन-कोविड मरीेजों के लिए उपयोग की जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोविड कार्य में लगी एम्बुलेंस को कोविड प्रकरणों में ही इस्तेमाल किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि एम्बुलेंस कर्मियों को वेतन, मास्क, ग्लव्स आदि की समस्या नहीं आनी चाहिए। उन्होंने सर्विलान्स कार्य हेतु आवश्यकतानुसार वाहनों की व्यवस्था किये जाने के भी निर्देश दिये।
मरीजों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराये जाएं प्राइवेट रूम
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ स्थित एस0जी0पी0जी0आई0 तथा किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0) में भर्ती कोविड मरीजों के लिए कुछ प्राईवेट रूम्स की भी व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन दोनों चिकित्सा संस्थानों में कोविड-19 के उपचार के लिए कन्फर्म्ड कोविड रोगी ही सन्दर्भित किये जाएं। उन्होंने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 तथा डॉ0 राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में भर्ती कोविड रोगियों में से जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता हो उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को 15 अगस्त, 2020 तक प्रत्येक दशा में तैयार करने के निर्देश दिये।