इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अलीगढ़ में बसपा प्रत्याशी के पति को जिला बदर करने के आदेश पर रोक से इन्कार किया

प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अलीगढ़ के खैर विधान सभा सीट से बसपा प्रत्याशी चारू केन के पति कार्तिक चौधरी को राहत देने से इन्कार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है। कार्तिक चौधरी को मंडलायुक्त अलीगढ़ ने 1 जनवरी 2022 के आदेश से जिला बदर कर दिया है। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याची की ओर से राजनीतिक कारणों से उसे परेशान किए जाने का हवाला दिए जाने और मामले की जल्दी सुनवाई की प्रार्थना की थी। इसे देखते हुए अदालत ने रविवार को अवकाश के दिन मामले की सुनवाई की।पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू के छोटे बेटे कार्तिक चौधरी की अर्जी को सुनने के लिए न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ रविवार को बैठी। याची का कहना था कि उसकी पत्नी खैर विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रत्याशी है। इस वजह से राजनीतिक कारणों से उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। याची को जिला बदर करने का आदेश दिया गया, जिसे उसने मंडलायुक्त के समक्ष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी। साथ ही आदेश पर रोक लगाने की अर्जी दाखिल करते हुए अंतरिम राहत दिए जाने की मांग की थी। मंडलायुक्त ने उसकी अर्जी खारिज करते हुए अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। याचिका का विरोध कर रहे अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय का कहना था की याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि इसमें स्थगन आदेश अर्जी रद करने को चुनौती दी गई है। याची की अपील अभी कमिश्नर के समक्ष लंबित है इसलिए प्रकरण में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है।कोर्ट का कहना था कि याची की अपील अभी लंबित है और यह याचिका सिर्फ स्थगन आदेश अर्जी खारिज होने की वजह से दाखिल की गई है। इस स्थिति में प्रकरण के न्यायिक पुनर्विलोकन की आवश्यकता नहीं है। याची के खिलाफ दर्ज सभी मामले विधान सभा चुनाव से काफी पहले के हैं। इस स्थिति में यह कहना कठिन है कि उसके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मात्र पत्नी के विधान सभा चुनाव लडऩे के आधार पर राहत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

Related Articles

Back to top button