‘घर-घर मेरा प्रणाम पहुचाएं’ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनावी शंखनाद करने रविवार दोपहर बाद पहुंचे तो कार्यकर्ता और पदाधिकारियों संग भाजपा उम्मीदवारों का भी उत्साह चरम पर पहुंच गया। वहीं वाराणसी पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी बाबा दरबार में भी शाम को दर्शन पूजन करने पहुंचेंगे। बाबा काशी विश्वनाथ को नमन कर वह यूपी में विजय का आशीष भी मांगेंगे।पीएम मोदी का हेलीकाप्टर दोपहर बाद पुलिस लाइन मैदान में उतरा और यहां से वह सड़क मार्ग से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय रवाना हुए। इस दौरान उनका स्वागत करने के लिए जगह जगह भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ ही आम जनता का भी हुजूम उमड़ा। जगह जगह पोस्टर बैनर झंडों और फूलों से पीएम का स्वागत करने के लिए पार्टी के स्तर पर भी पूर्व में तैयारी की जा चुकी थी। पीएम ने शाम पांच बजे के बाद काशी के लोगों को प्रणाम कर संबोधन शुरू किया तो मोदी मोदी के नारों से मैदान गूंज उठा। भोजपुरी में संवाद के साथ संगठन के लोगों का धन्यवाद किया। कहा कि लोगों की बातें दिल को छू गई, इसका नाम बूथ विजय सम्मेलन है। प्राणप्रिय कार्यकर्ताओं के दर्शन का मौका दिया है। आप सभी के पास आकर आपके दर्शन पाकर मैं धन्य अनुभव करता हूं। जिस पार्टी के पास कर्मठ कार्यकर्ताओं की ताकत हो उससे बूथ जीतना आसान होगा। भाजपा का कार्यकर्ता चुनाव के आखिरी दिन तक आराम नहीं करता। जो भूमिका मिलती है उसमें जी जान लगा देते हैं। मेरा सालों का अनुभव है कि पार्टी का आदेश वैसे तो समाज और देश के हितों के दृष्टि से होता है, उससे सीखने को मिलता है। मुझ जैसे कार्यकर्ता को पार्टी ने बनारस का भेजा तो यहीं का होकर रह गया। काशी की सेवा का महादेव और मां गंगा के चरणों में बैठने का पुण्य मिला यह पार्टी ने दिया है। आज काशी के स्व. डोमराज की कमी महसूस हो रही है। मुझपर स्नेह दिखाते थे कि मैं अभिभूत हो जाता था। 2014 में आया था तो संगठन से जुड़े कुछ लोग जानते थे। आज प्यार काशी के घर घर पूर्वांचल और प्रदेश में मिला है वह समर्थकों के कारण संभव हुआ है। मुझे आपने देश सेवा का जिम्मा दिया है। मेरी अनुपस्थिति में आप भाजपा कार्यकर्ता की संभालते हैं। मेरे प्रति जो प्यार भरोसा है उसका श्रेय आप सब कार्यकर्ता साथियों को जाता है। आप मेरे लिए ओपन यूनिवर्सिटी की तरह है। आप सबसे सीखता हूं। संगठन जीवन इकाई है। अपनी पार्टी को अपनी प्रापर्टी मानने वाले हमारा मुकाबला नहीं कर सकते। भाजपा संगठन कार्यकर्ताओं से चलती है। दूसरों के लिए धनबल और बाहुबल होता है। भाजपा कार्यकर्ता देश के लिए कार्य करते हैं। दल से ऊपर देश का महत्व रहा है। चुनाव ही नहीं दिल भी जीतते हैं। कोरोना काल में पार्टी ने सेवा ही संगठन अभियान चलाया। भाजपा का कार्यकर्ता जनता की सेवा करता रहा। घर घर दवाई और मास्क बांटें। बनारस में विदेशी नागरिकों को भी कार्यकर्ताओं ने कोई कमी नहीं होने दी। हम सेवा करने राजनीति में आए हैं। सेवा महायज्ञ है। शिवरात्रि में देश भर के लोग आएंगे। हमें इसी भाव से शिवरात्रि पर हर श्रद्धालु की सेवा करनी है। काशी भारत की संस्कृति की राजधानी रही है। विपक्षियों परिवार वादियों ने बनारस को बदहाल रखा है। काशी विश्वनाथ धाम आज हमारी पहचान बनकर खड़ा है। बाबा दरबार और मां गंगा जुड़ गए हैं। गंगा और घाट स्वच्छ हो रहे हैं। लोग कहते हैं कि एयरपोर्ट से शहर जल्दी पहुंचते हैं और यहां की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालते हैं तो अच्छा लगता है। हम गरीबों के लिए जो काम करते थे उसमें अड़ंंगा लगता था। अब डबल इंजन की सरकार बेहतर काम कर रही है। जनता को जागरुक करते रहें। मेडिकल कालेजों की संख्या 65 हो गई है। 2017 से पहले जो सरकार थी उसने पांच साल में यूपी में 40 हजार से कम घर बनाए, भाजपा ने पांच साल में दस लाख घर बनवाए हैं। कोई मुकाबला है क्या? बनारस में डेढ़ हजार से कम घर बनवाए। आपने उनको घर भेज दिया। स्थितियां बदलीं और योगी सरकार में 24 हजार से अधिक घर और मुफ्त अनाज दिए हैं। किसानों को पैसा खातों में मिला है। पहले इससे अधिक काम नहीं हुआ है। बनारस में गंगा में गिरने वाले 80 से अधिक नाले बंद हुए हैं। मेरा आग्रह है सरकार के कार्यों को लोगों तक पहुंचाएं। आपका प्रयास देश की मदद करेगा। सैचुरेशन यानि हकदार का शत प्रतिशत लाभ पहुंचना चाहिए। गरीब कल्याण की योजना से कोई न छूटे। समाज की आखिरी पंक्ति तक लाभ मिलना चाहिए। भेजभाव न हो। इसमें कार्यकर्ताओं की भूमिका बड़ी है। काशी में आस्था और अवसर भी है। अपने साथ विकास संभावनाएं लाता है। अपराध को उद्योग मानने वाले संभावनाओं को सांप्रदायिक चश्मे से देखते हैं। काशी अविनाशी है। विश्वनाथ धाम परियोजना पर गर्व का अनुभव कर रहे थे। भारत की राजनीति में कुछ लोग नीचे गिर गए। मैं व्यक्तिगत आलोचना नहीं करना चाहता। सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई तो मुझे लगा कि काशी के लोग मुझे नहीं छोड़ेंगे न काशी मुझे छोड़ेगी। काशी की सेवा करते करते मेरी मृत्यु लिखी है तो यह सौभाग्य है। भक्तों की सेवा करते करते चला जाऊं तो इससे बड़ा सुख और क्या होगा। यह जिंदा शहर बनारस है। बनारस मुक्ति के रास्ते खोलता है। बनारस विकास के रास्ते पर चल पड़ा है। यही भारत में परिवारवाद को मुक्ति का रास्ता दिखाएगा। मंदिरों से मूर्तियां चोरी होती थी सोना चोरी होता था भूमाफिया सक्रिय थे। घाटों पर हमले होते थे। तब सत्ता वालों के लिए काशी कोतवाल बाबा काल भैरव के आगे उनकी चलने वाली नहीं। मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी दोबारा स्थापित हो गई। हमें काशी के लिए मेहनत करनी है। हमें अपना बूथ हर हाल में जीतना है। पीएम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि सबको पर्ची बंटे, बस्ते लगें, टोली बने, हर दरवाजे पर दस्तक दें। पहले मतदान फिर जलपान का संदेश दें।