हिंदी पत्रकारिता दिवस आज, 1826 में पहले अखबार ‘उदन्त मार्तण्ड’ का हुआ था प्रकाशन
आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है। आज ही के दिन यानि 30 मई 1826 को कलकत्ता (कोलकाता) से पहला हिंदी अखबार ‘उदन्त मार्तण्ड’ निकाला गया था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इसे डेढ़ साल बाद ही बंद करना पड़ा। अखबार के संपादक पंडित जुगलकिशोक शुक्ल थे। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई लोगों ने शुभकामनाएं दी हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने सोमवार को ट्वीट किया और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ‘ हिंदी पत्रकारिता दिवस की सभी को शुभकामनाएँ। “हिंदुस्थानियों के हित के हेत” ध्येय वाक्य के साथ 1826 में आज के दिन पहला हिंदी अखबार “उदन्त मार्तण्ड” प्रकाशित हुआ। अपनी सुदीर्घ यात्रा में हिंदी पत्रकारिता ने अनेक सोपान तय करते हुए उस पवित्र ध्येय के प्रति सत्यनिष्ठा सुनिश्चित की।’ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मौके पर शुभकामनाएं दीं हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘हिंदीपत्रकारितादिवस पर शुभकामनाएं। हिंदी पत्रकारिता का देश में स्वर्णिम इतिहास रहा है। स्वाधीनता आंदोलन में पत्रकारिता ने स्वतंत्रता की अलख जगाने में अहम भूमिका निभायी। निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की आवश्यकता है, जितनी मजबूत पत्रकारिता होगी, उतना ही प्रजातंत्र भी सुदृढ़ होगा।
79 अंक के बाद ही बंद हो गया था उदन्त मार्तण्ड
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बड़ा बाजार के पास 37, अमर तल्ला लेन कोलूटोला से 1826 में 30 मई को पहला हिंदी अखबार निकाला गया था। इसके संपादक पंडित जुगलकिशोक शुक्ल ने ‘उदन्त मार्तण्ड’ को भारत के हिंदी भाषी राज्यों तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया लेकिन आर्थिक तंगी ऐसी रही कि इसके मात्र 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए और डेढ़ साल के भीतर ही इसे बंद करना पड़ा। यह 1827 के दिसंबर माह में बंद हो गया।उल्लेखनीय है कि हिंदी भाषी राज्यों से बहुत दूर होने के कारण उंदत मार्तण्ड को पाठक मिलना मुश्किल था। मिशनरियों के अखबार को तो आदि की सुविधा थी। वहीं उदन्त मार्तण्ड के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं थी। सरकार की ओर से इसे चलाने का लाइसेंस तो मिला लेकिन कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं मिली। इससे कम खर्च में अधिक पाठकों तक यह अखबार पहुंच नहीं सकी।