स्पेशल ट्रेन की संख्या में और इजाफा करेगा रेलवे

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना काल में ट्रेन सेवा बंद रहने के दौरान ट्रैक, सिग्नलिंग, मेंटेनेंस आदि का काम पूरा कर लिया गया है। जुलाई महीने में पूरी रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति भी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि कई रूट पर नई समय सारणी के अनुसार 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भी ट्रेन चलने लगेंगी।

कोरोना के बाद यात्रियों को ट्रेन यात्रा का एक अलग अनुभव मिलेगा। नई दिल्ली-कोलकाता व नई दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार 130 की जाएगी। जब भी नियमित ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा, तो सभी ट्रेन 130 घंटे प्रति किलोमीटर की रफ्तार से ही दौड़ेंगी। रेलवे स्पेशल ट्रेनों की संख्या में इजाफा करने पर विचार कर रहा है। राज्य सरकारों से बातचीत कर जिन रूट पर ज्यादा भीड़ है और लोगों को आरक्षित बर्थ नहीं मिल पा रहा है उन रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही अगले साल अप्रैल महीने से दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना है। रेलवे पूर्वांचल से औद्योगिक राज्यों के बीच भी स्पेशल ट्रेनों में जल्द इजाफा करेगा। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश से दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्र की ओर चलने वाली ट्रेन में लोगों को बर्थ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार से बातचीत की जा रही है और जल्द ही अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण रेलवे की कई योजनाएं अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगी। सबसे ज्यादा असर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर योजना पर पड़ा है। मालगाड़ी के लिए समर्पित इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य पहले दिसंबर 2021 रखा गया था, लेकिन मजदूरों की कमी के कारण प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इस योजना के अब जून 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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