उन्नाव:रेलवे ट्रैक के किनारे बस्ती को खाली कराने की कवायद जारी

शुक्लागंज-उन्नाव। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ट्रैक के किनारे बसी बस्ती को खाली कराने की कवायद कर रही है। रेलवे ने राजीवनगर बस्ती हटाने के लिए नोटिस चस्पा करा दिया है। राजीवनगर बस्ती रेलवे ट्रैक के किनारे नही है। राजीवनगर बस्ती स्टेशन के पीछे एक डामर रोड पार करके बसा है। यहां के लोगो मे आशियाना उजड़ने का डर सता रहा है।

लोगो मे आशियाना उजड़ने का सता रहा है डर

12 सितंबर को रेलवे ने राजीवनगर बस्ती को हटाने के लिये नोटिस चस्पा करा दिया है। नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा है कि रेलवे ट्रैक के साथ बसे रेलवे की भूमि से अतिक्रमण को हटाया जाएगा। लेकिन रेलवे विभाग ने राजीवनगर बस्ती में नोटिस चस्पा करा दिया है। जबकि हकीकत कुछ और ही है। राजीवनगर बस्ती ट्रैक से काफी दूर स्टेशन के पीछे एक डामर वाली सड़क पार करने के बाद राजीवनगर बस्ती बसी हुई है।

सुप्रीमकोर्ट ने ट्रैक के किनारे बसी बस्ती को हटाने का दिया है निर्देश

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया था कि रेलवे ट्रैक के किनारे जो जुग्गी झोपड़ी है उसे हटाया जाए। ट्रैक के किनारे अतिक्रमण से ट्रेनों की संचालन प्रभावित होती है। दिल्ली में कई स्थान पर ट्रैक के किनारे घनी आबादी बसी हुई है। जिससे ट्रेनों की संचालन प्रभावित होती रही है। जिसको संज्ञान में लेकर सुप्रीमकोर्ट ने ट्रैक के किनारे बसी बस्ती को हटाने का निर्देश दिया है। लखनऊ मंडल के सीनियर सेक्सन इंजीनियर के आदेश पर जूनियर इंजीनियर शैलेंद्र कुमार ने राजीवनगर में नोटिस चस्पा करा दिया है। जिसमे 20 सितंबर तक समय दिया गया है। 21 सितंबर को रेलवे बलपूर्वक बस्ती को उजाड़ देगा।

अचानक कार्यवाही से लगभग 5 हजार परिवार घर से होंगे बेघर

रेलवे की यह अचानक कार्यवाही से लगभग 5 हजार परिवार घर से बेघर हो जाएंगे। यहां के लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नही मिला है। ऐसे में इन गरीबो को कोई रास्ता नजर नही आ रहा है। जाए तो कहां यहां के निवासी का नगरपालिका से लेकर विधानसभा, लोकसभा के चुनावों में वोट देकर जनप्रतिनिधियों को जिताते चले आ रहे है। अब इस मुसीबत के घड़ी में कोई जनप्रतिनिधि सहारा बनकर खड़ा नही हो रहा है। वही नगरपालिका ने लाखों रुपए इस बस्ती में विकास के लिए खर्च किये है। यहां पालिका ने सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी कराया है। अब रेलवे यहां के लोगो को बेघर कर रही है।

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