वोट बटोरने के लिए नहीं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ : जयराम रमेश
नई दिल्ली/हिंगोली : भारत जोड़ो यात्रा (bharat jodo yatra) किसी वोट बैंक से नहीं जुड़ी है. इसके लक्ष्य राजनीति से ऊपर हैं. यह एक राजनीतिक दल की यात्रा है और इसमें राजनीतिक विषय शामिल हैं लेकिन वोट बटोरने के लिए नहीं है. ये बात कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कही. उन्होंने कहा कि यात्रा एकता को बढ़ावा देगी, इससे हमारी पार्टी एकसाथ आई है. इसका प्रभाव, यदि कोई होगा, 2024 के चुनावों के दौरान दिखाई देगा. यह यात्रा घर-घर संपर्क को बढ़ावा दे रही है, जिसे हम भूल चुके थे. सत्ता में रहते हुए हम भूल गए थे, लेकिन इस यात्रा के साथ अब हम इसे दोबारा जीवंत कर रहे हैं.
इधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़े यात्रा’ मंगलवार को अपने 69वें दिन में प्रवेश कर गई और यह दिन में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिले में पहुंचेगी. राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह हिंगोली जिले के फलेगांव से पैदल मार्च शुरू किया. पैदल मार्च में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री यशोमती ठाकुर और पार्टी के अन्य नेता गांधी के साथ थे. रमेश ने मंगलवार को जनजातीय नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें याद किया.
उन्होंने एक ट्वीट पोस्ट किया, “आज ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का 69वां दिन है और सरदार पटेल से महज 15 दिन बाद पैदा हुए बिरसा मुंडा की 147वीं जयंती है. लेकिन दुख की बात है कि रांची की एक ब्रिटिश जेल में 25 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गयी थी.” रमेश ने कहा, “एक आदिवासी (वनवासी नहीं, जैसा आरएसएस आदिवासियों को कहता है), बिरसा मुंडा सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा होने चाहिए. जिन कारणों के लिए उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया, विशेष रूप से आदिवासी भूमि अधिकार आज भी बेहद प्रासंगिक हैं.”
जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की स्मृति में सरकार ने पिछले साल 15 नवंबर को मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. कांग्रेस की व्यापक जनसंपर्क पहल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ लगभग 150 दिनों में 3,570 किमी की दूरी तय करने के बाद जम्मू-कश्मीर में समाप्त होने से पहले 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. फिलहाल सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा अब तक छह राज्यों के 28 जिलों से गुजर चुकी है. मध्य प्रदेश में 20 नवंबर को प्रवेश करने से पहले यात्रा महाराष्ट्र के पांच जिलों में लोगों से संपर्क करते हुए 382 किमी का रास्ता तय कर लेगी.