सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा-24 घंटे में कैसे कर दी चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति

नई दिल्ली: चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने संविधान पीठ को अरुण गोयल की निर्वाचन आयुक्त पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित फाइल सौंपी. सरकार ने कहा कि नियुक्ति की ओरिजिनल फाइल की प्रतियां पांचों जजों को दी गई हैं.
सुनवाई के दौरान पीठ ने नियुक्ति के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए. जस्टिस अजय रस्तोगी ने इतनी तेज रफ्तार से फाइल आगे बढ़ने और नियुक्ति करने पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि चौबीस घंटे के भीतर कैसे जांच पड़ताल कर दी गई? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सभी बातों का जवाब देंगे, लेकिन अदालत उनको बोलने का मौका दे.
इस दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि विधि और न्याय मंत्रालय ही संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाता है, फिर उनमें से सबसे उपयुक्त का चुनाव होता है. इसमें प्रधानमंत्री की भी भूमिका होती है.
जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि 15 मई को पद खाली हुआ. क्या आप हमें बता सकते हैं कि सरकार ने इस पर नियुक्ति के लिए जल्दबाजी क्यों की? उसी दिन क्लीयरेंस, उसी दिन नोटिफिकेशन, उसी दिन एक्सेप्टेंस. फाइल 24 घंटे भी नहीं घूमी. यह तो प्रकाश गति से चली है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सभी बातों का जवाब देंगे, लेकिन अदालत उनको बोलने का मौका तो दें.

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