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जानें क्या होता है ग्लेशियर फटना टूटना, उत्तराखंड में कितनी तबाही मचा सकती…?

नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के रैणी गांव में ग्लेशियर फटने से पूरे क्षेत्र में में भारी सैलाब आ गया। ग्लेशियर फटने की वजह से धौलगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।  पहाड़ी क्षेत्र मों हिमस्खलन होने से हालात बिगड़ गए हैं। राज्य सरकार ने इस घटना के मद्देनजर श्रीनगर, ऋषिकेश, अलकनंदा समेत अन्य इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है और अलकनंदा की तरफ ने जाने की सलाह दी है। बड़े पैमाने पर जान-माल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। ग्लेशियर के बर्फ टूट कर धौलगंगा नदी में बह रहे हैं।

क्या होता है ग्लेशियर फटना या टूटना- सालों तक भारी मात्रा में बर्फ जमा होने और उसके एक जगह एकत्र होने से ग्लेशियर का निर्माण होता है। 99 फीसदी ग्लेशियर आइस शीट (Ice Sheet) के रूप में होते हैं, जिसे महाद्वीपीय ग्लेशियर भी कहा जाता है। यह अधिकांशत: ध्रुवीय क्षेत्रों या बहुत ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। हिमालयी क्षेत्रों में भी ऐसे ही ग्लेशियर पाए जाते हैं। किसी भू-वैज्ञानिक हलचल (गुरुत्वाकर्षण, प्लेटों के नजदीक आने, या दूर जाने) की वजह से जब इसके नीचे गतिविधि होती है तब यह टूटता है। कई बार ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भी ग्लेशियर के बर्फ पिघल कर बड़े-बड़े बर्फ के टुकड़ों के रूप में टूटने लगते हैं। 

यह प्रक्रिया ग्लेशियर फटना या टूटना कहलाता है। इसे काल्विंग या ग्लेशियर आउटबर्स्ट भी कहा जाता है। कई बार अत्यधिक बर्फबारी से पहाड़ी नदियां या झीलें जम जाती हैं और ग्लेशियर नदी का प्रवाह रोक देती है। इस वजह से भी झील बड़ा ग्लेशियर बन जाती है जिसके फटने की आशंका बढ़ जाती है। वाडिया इंन्स्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी ने हिमालयी क्षेत्रों में ऐसी कई झीलों का पता लगाया है जहां ग्लेशियर फटने का खतरा मंडरा रहा है।

ग्लेशियर फटने के क्या प्रभाव- ग्लेशियर के टूटने से भयंकर बाढ़ आ सकते हैं। ग्लेशियर के बर्फ टूटकर झीलों में फिर उसका अत्यधिक पानी नदियों में सैलाब लाता है। इससे आसपास के इलाकों में भंयकर तबाही, बाढ़ और जानमाल का नुकसान होता है। मौजूदा घटना से उत्तराखंड के देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश को सबसे ज्यादा खतरा पहुंचने की आशंका है। यह हादसा बद्रीनाथ और तपोवन के बीच हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री ने दो पुल के बहने की पुष्टि की है।

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