Hathras Satsang Stampede: -हाथरस मामले पर भोले बाबा का केस लड़ेंगे वकील एपी सिंह!

Hathras Satsang Stampede: -नारायण साकार हरी (भोले बाबा) वैसे तो ये नाम इतना लाइम लाइट में नहीं है पर इनके कार्यक्रमों की भीड़ पर गौर किया जाये तो साफ़ दिखाई देता है इनके अनुयाइयों की कमी नहीं है। इनके अनुयाई इन्हे इलाज करने वाला एक डॉक्टर, इच्छाएँ पूरी करने वाले जादुई भगवान की तरह मानते है। यही कारण है कि उनके कार्यक्रमों में इतनी ज्यादा भीड़ होती है। बड़े बड़े लोग इनके इनके कार्क्रम में जाते रहे है। पर सवाल ये है कि अगर सब कुछ इतना स्मूथ चल रहा था तो अचानक ये घटना हुई कैसे? और घटना के बाद परत दर परत नई कहानियाँ आई कहाँ से ?

Hathras Satsang Stampede: -also read- Chief Justice advised SEBI: CJI ने बाजार में तेजी के बीच SEBI और सैट को दी सतर्क रहने की सलाह

बाबा बनने से पहले सूरजपाल सिंह जाटव उत्तर प्रदेश पुलिस का एक सिपाही हुआ करता था। अब आप कहेंगे ये सूरज पाल कौन है? तो बता दे की ये कोई और नहीं बल्कि सत्संगो में सूट बूट और टाई में नजर आने वाला बाबा है। पुलिस में रहने के दौरान सूरजपाल लंबे समय तक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट यानी एलआईयू में तैनात था। नौकरी के दौरान ही उसपर यौन शोषण का आरोप लगा और उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। यौन शोषण के आरोप में जेल जाने पर उसकी नौकरी भी चली गई।

जेल से बाहर आने के बाद ही यौन शोषण का आरोपी सूरज सीधे सत्संग करने और इलाज करने वाला बाबा बन गया, पता नहीं जेल में रहते उसे कौन सा ज्ञान मिला की वो पुलिस वाले से सीधा एक उपदेशक बन बैठा। देखते ही देखते उसके अनुयाइयों की भीड़ बढ़ने लगी और कभी यौन शोषण के आरोप में जेल जाने वाला सूरज पाल अब नारायण साकार हरी उर्फ़ भोले बाबा के नाम से जाना जाने लगा। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी बाबा के कार्यक्रम होने लगे, भव्य पंडाल में सूट बूट और टाई लगाकर बाबा बड़े से तख़्त पर बैठ कर उपदेश देने लगा।

वो बताता है कि भगवान के दर्शन होने पर उसने पुलिस की नौकरी से वॉलेंटियरली रिटायरमेंट ले लिया था। कथित बाबा पर सिर्फ एक यौन शोषण का की FIR ही नहीं बल्कि उसपर अब तक पांच मुकदमे दर्ज हैं।

 

Related Articles

Back to top button