Kolkata Rape Case: ममता की सरकार अब खतरे में…आखिर क्यों इंसाफ के इस प्रदर्शन को ‘नबन्ना कैम्पेन’ का दिया गया नाम?

Kolkata Rape Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या केस के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है, इन्साफ के लिए हो रहे इस प्रदर्शन को ‘नबन्ना कैम्पेन’ का नाम दिया गया…. नबन्ना यानि पश्चिम बंगाल सरकार का अस्थाई सचिवालय- जहां मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसर बैठते हैं। राइटर्स बिल्डिंग जो पश्चिम बंगाल का असल सचिवालय है उसका हाल फिलहाल रेनोवेशन चल रहा है, लगातार हो रहे प्रदर्शन के बीच 5 ऐसे मुख्य चेहरे है जो पिछले 20 दिनों से ममता सरकार के लिए खतरे की घंटी बन गए है, इनमे शमिल है सायन लाहडी, शुभांकर हलदार, पलाश घोष, बलराम घोष और अख्तर अली-

सायन लाहडी 

पश्चिम बंग छात्र समाज से जुड़े सायन लाहडी ही वो शख्स है जिसने नबन्ना अभियान की शुरुआत की और कोलकाता डॉ केस से उपजे गुस्से को विद्रोह की शक्ल दी। तृणमूल कांग्रेस ने तो लाहडी को बीजेपी और RSS का एजेंट तक बता दिया। आशुतोष कॉलेज से शुरूआती पढ़ाई करने वाले सायन हाल-फिलहाल मकाउत से एमबीए कर रहे है, लाहिड़ी को लेकर कोलकता पुलिस का दावा है कि उन्होंने गुपचुप तरीके से कोलकाता के एक फाइव स्टार होटल में एक पोलिटिकल फिगर से सीक्रेट मीटिंग की, जहां नबन्ना कैम्पेन का प्लान बनाया गया।

शुभांकर हलदार 

शुभांकर हलदार भी नबन्ना कैम्पेन के पोस्टर बॉय बनकर उभरे, शुभांकर भी सायन की तरह पश्चिम बंग छात्र समाज से जुड़े है। हलदार कल्याण यूनिवर्सिटी से बी.एड की पढ़ाई कर रहे है।

पलाश घोष

इन दिनों जिस तीसरे सख्श की चर्चा है उनका नाम पलाश घोष है। पलाश नरसिंह यूनिवर्सिटी से लिक्ट्रेचर में बीए ऑनर्स कर रहे है। कोलकाता विक्टिम को न्याय दिलाने के लिए पश्चिम बंग छात्र समाज से जुड़े पलाश इससे पहले कभी सुर्खियों में नहीं रहे, लेकिन कोलकाता में जो हुआ उसने उनका खून खौला दिया।

बाबा बलराम बोस 

हाथ में तिरंगा लेकर वाटर केनेन का सामना करने वाले बाबा बलराम बोस ने नबन्ना प्रोटेस्ट को सुर्खियों में ला दिया। नबन्ना प्रोटेस्ट के जरिए स्टूडेंटस की अपील पर महिलाओ के सम्मान में घर से बाहर निकले बाबा बलराम बोस की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल है, बाबा बलराम बोस भगवान शिव के उपासक है। बकौल बाबा बलराम बोस जहां महिलाओ का सम्मान नहीं होता, वहां देवी-देवताओं का वास नहीं होता।

अख्तर अली

अब बात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की। विरोध का सबसे बड़ा चेहरा बन कर उभरे अख्तर अली ही वो शख्स है जिन्होंने पहले दिन से आरजी कर मेडिकल कॉलेज का काला चिटठा खोल कर रख दिया। आज डॉ संदीप घोष जो झेल रहे है उसके पीछे अख्तर अली ही है। अख्तर अली का दावा है कि डॉ संदीप घोष मेडिकल उपकरणों की तस्करी से लेकर लावारिस लाशो को बेचने तक के गोरखधंधे में शामिल रहे है।

नबन्ना प्रदर्शन की 5 बड़ी बातें 

1. प्रदर्शनकारी ‘नबन्ना अभियान’ के तहत कॉलेज चौराहे से नबन्ना तक जाना चाहते थे।
2. कोलकाता के हावड़ा ब्रिज, हेस्टिंग्स और नबन्ना प्रदर्शन के सेंटर रहे।
3. छात्रों को हिरासत में लेने के खिलाफ भाजपा ने 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया था। .
4. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘विपक्ष और सत्तारूढ़ दल को एक साथ बैठकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से हो।’
5. TMC सांसद सयानी घोष ने छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को गुंडागर्दी करार दिया। उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल गुंडों जैसा है। इसमें मुश्किल से ही कोई महिला नजर आ रही है।

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इस केम्पेन में शिरकत करने वालो ने इन्साफ की गुहार लगाई तो वहीं प्रदर्शन से दूर रहने वालो ने प्रोटेस्ट में शमिल लोगो को राजनीति से प्रेरित बताया। कुल मिलाकर इतना तो जरूर है कि जो लोग सड़को पर उतरे उनके आगे सरकार बैकफुट पर नज़र आ रही है बंगाल की बेटी के लिए इन्साफ की मांग क्या बदलाव लेकर आती है ये देखना दिलचस्प रहेगा।

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