Bhopal- रिटायर आर्मी ऑफिसर के साथ 5.50 लाख का फ्रॉड होने से बचा, आईपीओ में ज्यादा रिटर्न दिलाने के नाम पर फंसाया
Bhopal- शिवपुरी में एक रिटायर्ड आर्मी अफसर से 5.50 लाख रु. की डिजीटल ठगी होने से बच गई। साइबर ठगों के झांसे में आकर रिटायर आर्मी अफसर रकम जमा कराने पहुंचे थे। ट्रांजेक्शन से पहले बैंक कर्मचारी ने वजह पूछी और संबंधित खाता चेक करते ही डिजीटल ठगी की आशंका हुई। तुरंत साइबर सेल शिवपुरी को सूचना दी। साइबर सेल प्रभारी ने आरक्षक के साथ पहुंचकर आर्मी अफसर को समझाया और रकम जमा कराने से रोक दिया। साइबर ठगों ने जिस आईपीओ में 5.50 लाख रु. लगाने का झांसा देकर 300 प्रतिशत (तीन गुना) मुनाफे का लालच दिया, अगले दिन उस आईपीओ के शेयर 123 प्रतिशत तक रहे।साइबर सेल की सजगता से रिटायर आर्मी अफसर से डिजीटल ठगी होने से बच गई है।
लालच देकर फंसाने का प्रयास
जानकारी के मुताबिक आर्मी से रिटायर अफसर अपने रिटायरमेंट के पैसों से मुनाफा कमाने के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे थे। एक लिंक पर क्लिक करते व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गए। उस ग्रुप में शेयर मार्केट में आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट करके बड़ा मुनाफा कमाने की सलाह दी जा रही थी। शुरुआत में साइबर ठगों ने आईपीओ में मामूली रकम इन्वेस्ट कराकर फायदा दिया। फिर एक आईपीओ में इन्वेस्ट करने की सलाह दी, जिसमें 300 प्रतिशत फायदा मिलने का लालच दिया। एक साथ ज्यादा लॉट दिलाकर निवेश करने की सलाह दी। ग्रुप पर मैसेज के जरिए ही बातचीत होती रही और रिटायर आर्मी अफसर झांसे में आ गए। गुरुद्वारा शाखा पहुंचकर 5.50 लाख रु. साइबर ठगों द्वारा भेजे बैंक खाते में जमा कराने की बात कही।
पश्चिम बंगाल का खाता देख अकाउंटेंट को आशंका हुई
एसबीआई गुरुद्वारा शाखा शिवपुरी के अकाउंटेंट संजय वर्मा की बैंक खाता पर नजर पड़ी तो पश्चिम बंगाल के रामपौर घाट गांव के पते का निकला। तुरंत मैनेजर अविनाश यादव को बताया। फिर साइबर सेल प्रभारी धर्मेंद्र सिंह जाट को सूचना दी। साइबर सेल प्रभारी आरक्षक को लेकर पहुंचे। इसके बाद साइबर सेल के प्रभारी धर्मेंद्र जाट ने इसकी जांच शुरू की। इस जांच के दौरान पाया गया कि जिस ग्रुप से आर्मी आफीसर को जोड़ा था वह सभी नंबर बंद थे, सिर्फ ऑडियो कॉल व चैट ही चालू जिस सोशल एप के जिस ग्रुप में रिटायर आर्मी अफसर को जोड़ा था, उन लोगों के नंबर डायल किए। लेकिन सारे नंबर बंद थे।
वीडियो कॉल किए, जो रिसीव नहीं हो रहे थे। ऑडियो कॉल व चैट ही चालू थी। छानबीन में मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक व अन्य राज्यों की लोकेशन निकली। इसके बाद आर्मी ऑफीसर को समझाया और डिजीटल ठगी की आशंका जताई। किसी तरह समझाकर 5.50 लाख रु. जमा कराने से रोक दिया। अगले दिन जैसी ही संबंधित आईपीओ 123 प्रतिशत पर खुला। जबकि ठगों ने 300 प्रतिशत का मुनाफे का झांसा देकर अपने खाते में रकम जमा कराने का प्रयास किया था।