Trending

लखनऊ में कोरोना का सितम, श्मशानों पर लगी लंबी कतारें, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी की रफ्तार दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही श्मशानों और कब्रिस्तानों पर कतारें भी लंबी हो रही हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, कोरोना संक्रमण की वजह से हो रही मौतों के अलावा भी मरने वालों की संख्या तिगुनी हो गई है। इस वजह से अंतिम संस्कार स्थल पर लाश जलाने के लिए लकड़ियों की क़िल्लत शुरू हो गई है।

लखनऊ के बैकुंठ धाम अंतिम संस्कार स्थल पर आमतौर पर एक दिन में 8 से 10 अंतिम संस्कार होता है, लेकिन कोरोना की इस दूसरी लहर में ये लाशों से पटा पड़ा है। हालांकि, यहां आने वाली लाशों में कोई कोरोना से जान गंवाने वाला नहीं है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन बेतहाशा मौतों की वजह क्या है? दरअसल, कोरोना काल में सारी मेडिकल सुविधाएं, अस्पताल और डॉक्टर संक्रमितों के इलाज में लगे हैं, ऐसे में बुजुर्गों, गंभीर बीमारियों से परेशान लोगों और लंबे समय से इलाज करा रहे लोगों को ज़रूरी इलाज नहीं मिल पा रहा है। नतीजा यह कि ठीक से इलाज ना मिलने के चलते लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। 

खैर, लखनऊ बैकुंठ धाम पर लाशों को रखने के सारे चबूतरे पहले से ही भरे हैं। लाशें ज़मीन पर जलाई जा रही हैं। यहां तक कि लाशों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। समस्या केवल यही नहीं है। अब अंतिम संस्कार स्थल पर ज़रूरी चीजों की भी कमी हो गयी है। लाशों को जलाने के लिए लकड़ियां भी खत्म हो गई है।

इस वजह से परिजन बाहर से महंगे दाम पर लकड़ियां खरीदकर ला रहे हैं। बिगड़ते हालात को देखकर सरकार अब अंतिम संस्कार स्थल पर अलग से चबूतरे बनवा रही है। बैकुंठ धाम पर पचास चबूतरे करने और गुलाला घाट पर बीस चबूतरे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

Related Articles

Back to top button