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उत्तराखंड पौराणिक रम्मवाण का आयोजन सादे समारोह के रूप में होगा, तैयारी शुरू

गोपेश्वर (चमोली)। जोशीमठ के सूलड-डुंग्रा गांव में विश्व धरोहर रम्मवाण के आयोजन को लेकर आयोजन समिति ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। क्षेत्र में इन दिनों शासन के दिशा निर्देश के अनुसार सादे समारोहों का आयोजन कर परम्परा पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति के डा. कुशल भंडारी ने बताया कि रम्माण का आयोजन आगामी 30 अपै्रल को किया जाना है।

लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष आयोजन को सादे समारोह में परम्परा निर्वहन के साथ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार ही रम्माण में लोगों के शामिल होने की अनुमति प्रदान की जाएगी।

क्या है रम्मवाण

चमोली जिले के सलूड़ गांव में प्रतिवर्ष अप्रैल में आयोजित होने वाला उत्सव है। इस गांव के अलावा डुंग्री, बरोशी, सेलंग गांवों में भी रम्माण का आयोजन किया जाता है। इसमें सलूड़ गांव का रम्माण ज्यादा लोकप्रिय है। रम्माण मेले का आयोजन 11 से 13 दिनों तक किया जाता है।

इस दौरान स्थानीय देवताओं की पूजा के साथ ही साथ ढोल-दमाऊं की 18 तालों पर मुखौटा नृत्य के माध्यम से रामायण के आख्यानों को खुले चैक में मंचन किया जाता है। इसकी विशिष्टता को देखते हुए यूनेस्को की ओर से रम्मवाण मेले को वर्ष 2009 में राष्ट्रीय धरोहर का दर्ज भी दिया गया है।

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