एसिडिटी का मुकाबला करने के लिए ये फूड्स और घरेलू इलाज हो सकते हैं कारगर
पाचन समस्याओं के प्रति हम अक्सर लापरवाही बरतते हैं. इसके पीछे असुविधा का कुछ समय के लिए या अस्थायी होना हो सकता है. हम सिर्फ उसी वक्त सक्रियता दिखाते हैं जब स्थिति सहन करने के लिए बेहद दर्दनाक हो जाती है. पाचन संबंधी बीमारियों का इलाज नहीं कराना स्वास्थ्य के लिए कहर भी साबित हो सकता है. पाचन विकारों में से सबसे आम एसिडिटी है. एसिडिटी को पाचन बीमारी के तौर पर परिभाषित किया जाता है. उससे छाती, पेट और गले में जलन हो सकता है.
एसिडिटी से जुड़े आम लक्षणों में मतली, पेट की परेशानी, विशेषकर खाली पेट में, उल्टी, ब्लोटिंग, भूख की कमी, कब्ज शामिल है. समस्या पर काबू पाने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बिताना चाहिए, जिसका मतलब हुआ सही खाना, सही मुद्रा में बैठकर खाना, फूड को अच्छी तरह चबाना. भारी भोजन के विपरीत भोजन का बार-बार छोटा हिस्सा, नियमित व्यायाम सभी मिलकर उसे काबू में रखते हैं. उसके अलावा, कुछ फडूस् और घरेलू इलाज एसिडिटी या उससी जड़ी समस्या को दूर रखते हैं. घरेलू उपाय एसिडिटी के लक्षणों को हटाने में शानदार काम करते हैं और दीर्घकालीन फायदा भी पहुंचाते हैं.
अजवाइन- गैस्ट्रिक असुविधा दूर करने और मजबूत पाचन में सहायता करने के लिए अजवाइन की चर्चा काफी समय से होती रही है. अजवाइन में पाया जानेवाला जैव रासायनिक थाइमोल मजबूत पाचन को सहायता करने में मदद करता है. उसका इस्तेमाल चुटकी भर नमक के साथ किया जा सकता है, चबाया और निगला जा सकता है . आप एक चम्मच अजवाइन को रात भर पानी में भिगोकर पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
सौंफ- भोजन के बाद चुटकी भर सौंफ का इस्तेमल भारतीय परंपरा का बिल्कुल सामान्य हिस्सा है. ये मुंह से बदबू को दूर करने में मदद करता है, लेकिन उससे भी ज्यादा महत्पूर्ण उसका पाचन में मददगार होना है. सौंफ और मिश्री का मिक्सचर पाचन के लिए बेहतर है. भोजन के बाद इस्तेमाल के अलावा, सौंफ को रात भर पानी में भिगोकर इस्तेमाल भी किया जा सकता है या गर्म सौंफ का पानी बनाया जा सकता है. सौंफ को चाय में भी शामिल किया जा सकता है.
शहद- रिसर्च से साबित हुआ है कि गर्म पानी के साथ एक चम्मच शहद का इस्तेमाल एसिडिटी में मदद करता है. उसमें थोड़ा नींबू मिलाने से उसे अच्छा अलकाइजिंग एजेंट बनाता है जो पेट में एसिड को खत्म करता है.
धनिया- उसका इस्तेमाल एसिडिटी से लड़ने के लिए धनिया की ताजा पत्तियों और सूखी बीज दोनों के तौर पर किया जा सकता है. हरी धनिया का करीब 10 मिलीलीटर जूस असर करता है. उसमें पानी या छाछ को मिलाया जा सकता है. सूखी धनिया का पाउडर छिड़का जा सकता है या पकवान में शामिल किया जा सकता है. धनिया के बीज की चाय उसका सामना करने का दूसरा आसान तरीका है.