यूपी के इस गांव में 15 दिन में 15 मौतें, फिर भी टेस्ट को राजी नहीं ग्रामीण, कोरोना जांच टीम को भी धमकाया
हमरीपुर। कोरोना महामारी अब गांवों में भी तेजी से पैर पसार रहा है. ऐसे में गांवों में टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. देश के कई गांवों में बड़ी तादात में लोगों की जानें जा रही हैं. इसके बावजूद ग्रामीण जांच कराने को तैयार नहीं है. ऐसे ही यूपी के बुंदेलखंड के एक गांव में जब स्वास्थ्य टीम जांच करने गई तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और बिना सैम्पल लिए ही वापस जाने को कह कर हंगामा कर दिया.
मामला हमीरपुर जिले के भटपुरा गांव का है. यहां सर्दी-जुकाम और बुखार से 15 लोगों की मौत हो चुकी है. उसके बाद भी ग्रामीण कोरोना की जांच कराने को तैयार नहीं हैं. जांच के लिए जब यहां स्वास्थ्य टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने उन्हें घेरकर धमकाना शुरू कर दिया. बाद में पुलिस की मौजूदगी में 35 लोगों की जांच की गई, जिसमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
दरअसल, इस गांव में 15 दिनों में जुकाम-बुखार से 15 लोगो की संदिग्ध मौत हो चुकी है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सैंपल लेने गई थी, तभी गांव के दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों ने आकर सैंपल देने से मना किया और वापस जाने को कहा. स्वास्थ्य टीम के जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस के आने के बाद गांव में 35 लोगों के सैंपल लिए गए जिसमें एक मरीज पॉजिटिव पाया गया. गांव के लोगों ने कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण भी करने नहीं दिया था. पुलिस की मौजूदगी में सैंपल लिए गए.
इसी तरह की घटना भैंसा पाली गांव में भी हुई. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों ने बिना जांच किए ही गांव से भगा दिया. जबकि पारा कंडोर गांव में स्वास्थ्य विभाग टीम ने 100 लोगों के सैंपल लिए. इस गांव में वायरल बुखार और खांसी-जुकाम से चपेट में आने से पंद्रह दिन के अंतराल में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पारा गांव के शिवम तिवारी ने बताया कि नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ओपीडी का काम बंद होने से लोगों को कुरारा प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करवाना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों में कोरोना जैसी महामारी फैलने से खांसी-जुकाम के मरीज अपनी जांच करवाने से डर रहे हैं.
वैक्सीन से भी डर रहे ग्रामीण
वहीं, महोबा में कोरोना टीकाकरण की पहली डोज लेने के बाद जिले के 2,600 लोगों ने दूसरी डोज नहीं ली है. यहां अब तक 99,250 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं. इनमें से 83,872 को पहली और 15,378 को दूसरी डोज लग चुकी है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. जी. रत्मेले ने बताया कि टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में भ्रांतियां हैं. जिससे कुछ लोग नहीं आ रहे हैं. ऐसे लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.