स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान, कहा- कोरोना केसों से ज्यादा हुई रिकवरी, लेकिन अभी ढील देना खतरनाक

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में एक्टिव केस 12.1% हैं और कोविड से रिकवरी 86.7% हो गई है. देश के 8 राज्यों में 1 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं, 9 राज्यों में 50,000 से एक लाख एक्टिव केस हैं. वहीं 19 राज्यों में 50,000 से कम एक्टिव केस हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने बताया कि पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कोरोना के केस बढ़े हैं, हालांकि इसी दौरान UP, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना केस घटे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में देशभर में 2,76,000 मामले दर्ज़ किए गए हैं, इसमें से 77% मामले 10 राज्यों से हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में 3 मई को सक्रिय मामले 17.13% थे, वे अब 12.1% रह गए हैं. रिकवरी रेट 81.7% से बढ़कर 86.7% हो गई है. पिछले 10 दिनों में एक्टिव मामलों और रिकवर मामलों की तुलना करें तो 10 में से 9 दिनों में रिकवर मामले ज्यादा दर्ज़ किए गए. देश के कुल एक्टिव केसों का 69% सिर्फ 8 राज्यों में हैं. 21 राज्य ऐसे हैं जहां रोज़ाना रिकवर मामलों की संख्या नए मामलों से ज्यादा है.

मंत्रालय ने बताया कि देश में पॉजिटिविटी रेट 13.2 रह गई है. 19 राज्य में 50000 से कम केस हैं. महाराष्ट्र, केरल, आंध्र, बंगाल में भी कमी आ रही है. तमिलनाडु में अभी केस बढ़ रहे हैं. कमी वाले राज्य अभी सतर्क और सख्ती बनाए रखें.

बताया गया कि महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़ में मामले और संक्रमण दर दोनो घट रही है. बिहार, एमपी दिल्ली और झारखंड में मामले कम हो रहे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक दिन की ढिलाई भी खतरनाक हो सकती है. उधर, तमिलनाडु, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर में कोरोना मामले बढ़ रहे हैं.

वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नई गाइडलाइन कोविड से रिकवरी के तीन माह बाद तक वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं. एक डोज के बाद संक्रमित हो गए तो भी तीन महीने तक वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है. शिशु को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वैक्सीन सुरक्षित है. अब तक पूरे देश में करीब 18 करोड कोरोना वैक्सीन की डोज़ दी गई है. इसमें 18-44 साल के बीच के लोगों को अब तक लगभग 70 लाख डोज़ दी गई है.

डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना से सुधार है लेकिन अभी भी सख्ती की जरूरत है. चेन और ब्रेक करने की ज़रूरत है. जल्दी टेस्ट, आइसोलेशन और इलाज पहली शर्त है. उन्होंने बताया कि अप्रैल से मई के बीच बीस लाख टेस्ट रोजाना हुए, जो रिकॉर्ड है. अब तक बीस करोड़ टेस्ट हो गए हैं. डॉ बलराम भार्गव ने आगे कहा कि DRDO की 2 DG दवा का इसका इस्तेमाल पहले कैंसर के इलाज के लिए किया जाता था. इसके परीक्षण के परिणाम DCGI को दिए गए हैं.

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