वाराणसी: 53 दिन बाद खुला बाबा विश्वनाथ का दरबार, आम श्रद्धालु कर रहे है दर्शन
वाराणसी। भोले भंडारी की नगरी काशी में भक्तों के दर्शन हेतु आज सुबह से ही बाबा विश्वनाथ मंदिर का कपाट आम भक्तों के लिए खुल गया। मंदिर का दरबार खुलने के साथ ही शिवभक्त अपने आराध्य के दर्शन पाने को मंदिर पहुंच गए। भोले-बम-बम, हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ भक्त मंदिर प्रबंधन द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं। वहीं अब भक्त बिना कोविड-19 आरटीपीसीआर रिपोर्ट के बाबा के दर्शन कर सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी, जिसके चलते बीती 15 अप्रैल के बाद मंदिर में भक्तों के प्रवेश को रोक लगा दिया गया था।
मंगलवार सुबह से ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर पर अपनी मुराद पूरी करने की अभिलाषा लिए भक्त मंदिर पहुंच गए। मंदिर प्रबंधन समिति ने कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया। मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए गोल घेरे के अन्दर खड़ा किया गया है, उनके हाथों का सैनिटाइज टाइज करते हुए उनके बॉडी तापमान भी मापा जा रहा है। बिना मास्क लगाये मंदिर में प्रवेश नही मिलेगा, वही एक समय में 5 भक्त ही मंदिर में प्रवेश पा सकेंगे।
भक्त मंदिर की दीवार या किसी भी मूर्ति या किसी वस्तु को छूने पर रोक लगाई हुई है, श्रृद्धालु दर्शन के लिए बनाए गए नियमों का पालन करते हुए बाबा को दूर से ही जल चढ़ा सकते हैं। वही भक्तों की सुरक्षा के मद्देनजर गृभ गृह प्रवेश पर रोक लगाई गई है। शिवलिंग पर जलाभिषेक दो गज की दूरी से किया जायेगा, उसके लिए मंदिर प्रबंधन ने विशेष व्यवस्था की है। मूर्तियों पर माला चढ़ाने की रोक के साथ चंदन टीका लगाने की भी अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते बाबा विश्वनाथ का दरबार बंद कर दिया गया था।
आज 53 दिनों बाद मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भक्तों के चेहरे खिल उठे, वही स्थानीय माला-फूल और प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों में भी खुशी की लहर दिखाई दे रही है। मंदिर से जुड़े छोटे दुकानदारों का मानना है कि कि अब मंदिर खुलने के साथ ही उनका बंद व्यवसाय अब चलेगा और उनकी दिक्कत परेशानियों भी दूर होंगी। मंदिर में पहुंचे हुए भक्तों का कहना है कि मंदिर कपाट खुलने से बेहद खुश है। अब बाबा के दर्शन मिलते ही भक्तों ने प्रार्थना की है कि अब कोरोना का खात्मा हो।