अगर आपको है नींद की समस्या, तो जान लीजिए आपके लिए कितना बड़ा है ये खतरा

क्या आपको रात में सोने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, नींद जल्दी नहीं आती है? शोधकर्ताओं का कहना है कि कारण चाहे जो भी हो, लेकिन उसका नतीजा जल्द मौत की शक्ल में सामने आ सकता है. जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि नींद की समस्या वाले लोगों को जल्दी मौत का खतरा अधिक होता है. ये गंभीर परिणाम टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में अधिक था. रिसर्च में 5 लाख अधेड़ उम्र के लोगों को शामिल किया गया था और उनसे पूछा गया कि क्या रात को सोने में दुश्वारी पेश आती है या आधी रात में जागना पड़ता है.

नींद की खराबी से जल्दी मौत का खतरा अधिक

नतीजे से पता चला कि नींद की समस्या विशेषकर डायबिटीज वाले लोगों को किसी भी वजह से मौत का खतरा 87 फीसद तक बढ़ा देती है. शोधकर्ताओ का कहना है कि नींद की कमी और खराब सेहत के बीच मजबूत संबंध पहले से ही मौजूद है लेकिन नए नतीजे चौंकानेवाले हैं, ये समस्या को स्पष्ट रूप से दिखाता है. सिर्फ डायबिटीज से मृत्यु दर का खतरा 67 फीसद बढ़ जाता है. लेकिन, नींद की समस्या के साथ डायबिटीज वाले मरीजों को मौत का खतरा 87 फीसद तक ज्यादा हो जाता है. दूसरे शब्दों में, डायबिटीज का इलाज करनेवाले डॉक्टरों को नींद की समस्या को जांचना उचित इलाज के लिए विशेष तौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है.

डायबिटीज और नींद की समस्या के बीच संबंध

शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पहली बार है जब डायबिटीज के साथ नींद की खराबी और मृत्यु दर के खतरे को एक साथ मिलाकर समझने की कोशिश की गई. यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलोफोर्निया में असिस्टेंट प्रोफेसर और नींद के विशेषज्ञ डॉक्टर राज दासगुप्ता ने कहा, “इस तरह की एक रिसर्च में सिर्फ संबंध को जाहिर किया गया था न कि कारण संबंध को.” उन्होंने माना कि रिसर्च के नतीजे परेशान करनेवाले हैं, लेकिन आश्चर्यकित करनेवाले नहीं हैं क्योंकि डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है और ये नींद से आसानी से प्रभावित हो सकती है. क्या आप खराब नींद की समस्या से ग्रसित हैं क्योंकि आपकी डायबिटीज नियंत्रित नहीं है या नींद की समस्या आपकी डायबिटीज को खराब कर रही है? लिहाजा, डॉक्टरों को चाहिए कि नींद की समस्या भी उतनी ही गंभीरता से लें जितना कोई अन्य फैक्टर जिससे उनके संपूर्ण खतरे को कम किया जा सके.

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