अनलॉक के दौरान खतरनाक साबित हो सकती है लापरवाही और ढिलायी: गृह मंत्रालय
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को आगाह किया है कि देश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी के मद्देनजर किये जा रहे अनलॉक के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही या ढिलायी खतरनाक साबित हो सकती है इसलिए उचित कोविड व्यवहार के साथ साथ टेस्ट, ट्रेक, उपचार और टीकाकरण की पांच सूत्री रणनीति पूरी तरह अपनाये जाने की सख्त जरूरत है।
केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को शनिवार को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों को खोला जाना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी यह भी है कि इस दौरान पूरी तरह से सावधानी और सतर्कता बरती जाये तथा जमीनी स्थिति के आकलन के आधार पर ही निर्णय लिये जायें। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनलाॅक के दौरान पांच सूत्री रणनीति को सख्ती से अपनाये जाने की जरूरत है। इसमें उचित कोविड व्यवहार के साथ साथ कोरोना जांच, संक्रमित व्यक्ति के संपर्कों का पता लगाना , संक्रमितों का उपचार और टीकाकरण जरूरी है।
कोविड व्यवहार के पालन की नियमित रूप से निगरानी करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग मास्क का इस्तेमाल करें, हाथों को साफ करें, सामाजिक दूरी बनाये रखें और बंद स्थानों में रोशनदान के जरिये हवा के आवागमन की व्यवस्था हो। गृह सचिव ने कहा कि सभी जिला और संबंधित अधिकारियों को ये निर्देश जारी किये जाने चाहिए कि अनलॉक के दौरान किसी तरह की ढिलायी नहीं बरती जायेगी। उन्होंने कहा कि संक्रमण पर ठोस तरीके से रोक लगाने के लिए जांच, संपर्क का पता लगाने और उपचार की रणनीति को बदस्तूर जारी रखे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जांच दर में कमी नहीं आनी चाहिए और साथ ही सक्रिय मामलों में तेजी आने या पोजिटीविटी दर के बढने पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए। माइक्रो स्तर पर इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए कि छोटी जगहों पर मामलों में बढोतरी को केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार स्थानीय नियंत्रण उपायों से ही रोक दिया जाये।
मौजूदा परिस्थिति में टीकाकरण को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि टीकाकरण की गति को बढाये जाने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि संक्रमण की श्रंखला को तोड़ने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है इसलिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को टीकाकरण की गति बढाकर अधिक से अधिक लोगों को इस कवच की सुरक्षा तेजी से प्रदान करनी चाहिए।