सिटी इन्टरनेशनल स्कूल की खेल- खेल में सीखने की पद्धति भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी बना मुख्य आकर्षण का केंद्र
लखनऊ। सिटी इंटरनेशनल स्कूल ने 6 सप्ताह में फन लर्निंग कार्यक्रम को पूर्ण किया। विभिन्न कलाओं में पारंगत विद्यार्थियों के प्रदर्शन को समारोह के रूप में मना कर यह साबित कर दिया कि महामारी की भयंकरता में भी किस प्रकार विद्यालय समरकैम्प में भागीदार प्रत्येक विद्यार्थी को तन-मन से स्वस्थ रख सकता है। विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभा प्रदर्शन का यह कार्यक्रम 25 और 26 जून को मनाया गया जिसमें भारत के ही नहीं अपितु अन्य देशों के अभिभावकों एवं शिक्षकों ने विद्यार्थियों की उपलब्धि की सराहना की जिसे उन्होंने 6 सप्ताह में सीखा था।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अनेक क्रियाकलापों को जैसे सलाद एवं सैंडविच बनाना, वायु, ज्वालामुखी पवन चक्की आदि विषयों पर कनिष्ठ वैज्ञानिकों की भांति सोचना इसके अतिरिक्त प्राकृतिक वस्तुओं की देखभाल के प्रति सजग रहना और परिवार में मिलजुल कर कार्य करते हुए सभी की सहायता करना आदि अनेक कौशलों को सीखा जो समाज में एक उत्तम नागरिक के लिए आवश्यक हैं।
कुछ बड़े बच्चों ने रिमोट कंट्रोल कार बनाई जो स्टेमलर्निंग का भाग थी।अंग्रेजी भाषा को बोलने का अभ्यास नाटकों के माध्यम से सीखा अच्छी आदतों को सीखा, कहानी सुनाना, गणित की पहेलियां को सुलझाना और सेहतमंद रहने के अनेक तरीके सीखे गिटार कीबोर्ड आदी शास्त्रीय वाद्य यंत्र भी सीखा तथा घर में व्यर्थ पड़ी वस्तुओं से आर्ट और क्राफ्ट की वस्तुओं को बनाना सीखा। विद्यालय की निर्देशिका एवं भारतीय साक्षरता बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ सुनीता गांधी ने कहा कि’ बच्चे वैज्ञानिक होते हैं और सीख करके ही वह नवीन चीजों को खोज सकतेहैं।योग के माध्यम से ही वह स्वयं को नवीन कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।
मुख्य अतिथि नेस्ट मैन ऑफ इंडिया श्री राकेश खत्री ने 25 जून शाम 5:30 बजे नन्हे – मुन्नो के रचनात्मक गतिविधियों की प्रशंसा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन एंडोरेंसथ्रेटीरेटएंड अल्ट्रारनर एंड आथरश्री अभिषेक मिश्रा ने कैंप में भागीदार विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने सभी सपनों को साकार कर सकते हैं। सी.एम.एस की निर्देशिका डॉ. भारती गांधी शिक्षकों अभिभावकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करती हैं रही हैं किवह अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करें जिससे कि वे एक सफल नागरिक बन सकें।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को सुंदर एवं आकर्षक ई सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए और यह भी घोषणा की गई कि A1 कोडिंग5 जुलाई से प्रारंभ होगी। विद्यार्थियों ने भी अपने अनुभवों को बताया और यहभी बताया किकिस प्रकार से उनमें नई आदतें विकसित हुई और उन्होंने अनेक क्रियाकलापों में महारहथ हासिल किया।