पाई-पाई को मोहताज हुई ‘नदिया के पार’ की हीरोइन, परिवार भी नहीं रखता साथ

हिन्दी सिनेमा जितनी चकाचौंध देखने को मिलती है उतनी ही इसके अंदर अंधेरे भरी गलियां हैं. जिनमें कई सितारे खो कर रह जाते हैं. कई कलाकार तो ऐसे हैं जो आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. हाल ही एक्ट्रेस शगुफ्ता अली, अनाया सोनी जैसे कलाकारों ने अपने फैंस से मदद की गुहार लगाई थी. इनके बाद अब अपने जमाने की सुपरहिट भोजपुरी फिल्म ‘नदिया के पार’ की लीड एक्ट्रेस सविता बजाज ने भी आर्थिक मदद मांगी है. एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी जिन्दगी की मुश्किलों का जिक्र किया है.

पाई-पाई को मोहताज सविता बजाज
एक न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में सविता बजाज ने अपनी आर्थिक तंगी का जिक्र किया हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना और फिर सांस की बीमारी होने के बाद वो पाई-पाई के लिए मोहताज हो गई हैं. उनकी पास जो जमा पूजी थी वो अब खत्म हो गई है. जिसकी वजह से उनका जीवन यापन बहुत मुश्किल हो गया है.

सोचा भी नहीं था देखने पड़ेगे ऐसे दिन
सविता ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि बुढ़ापे में उन्हें ऐसे दिन देखने पड़ेंगे. कोरोना ठीक हुआ तो अब उन्हें सांस की बीमारी ने पकड़ लिया है. उन्होंने बताया कि राइटर्स एसोसिएशन और CINTAA की तरफ से उन्हें कुछ मदद मिलती है, राइटर्स एसोसिएशन उन्हें हर महीने 2 हजार रुपए और सिंटा 5 हजार रुपए देते हैं जिससे उनका गुज़ारा चल रहा है.

परिवार ने भी रखने से किया इनकार
सविता मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. 25 साल पहले मैंने सोचा था कि मैं अपने घर दिल्ली चली जाऊंगी, लेकिन परिवार ने भी उन्हें साथ रखने से इनकार कर दिया. मैंने अपनी जिन्दगी में खूब कमाया और गरीबों की मदद भी की, लेकिन आज मैं खुद उस जगह पर जाकर खड़ी हो गई हूं कि मुझे मदद की जरुरत आन पड़ी है.

सविता बजाज ‘निशांत’, ‘नजराना’, ‘बेटा हो तो ऐसा’ जैसी फिल्मों में भी काम कर चुकीं हैं, भोजपुरी फिल्म ‘नदिया के पार’ उनकी सुपरहिट फिल्म थी जिसमें अभिनेता सचिन उनके साथ दिखाई दिए थे. उन्होने नुक्कड़, मायका और कवच जैसे लोकप्रिय सीरियल में भी काम किया है.

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