यूक्रेन में जंग : पुतिन ने मारियुपोल जीतने का दावा किया, बाइडेन ने नई सैन्य सहायता की घोषणा की
कीव : रूसी आक्रमण के कारण यूक्रेन को पूरी तरह तबाह और बर्बाद होने की कगार पर है. विश्व की शक्तियां युद्ध को रोकने के प्रयासों में जुटी हुई है. हालांकि, अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. इधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने को यूक्रेन के शहर मारियुपोल को जीतने का दावा कर दिया है. हालांकि उन्होंने अपने सैनिकों को विशाल इस्पात संयंत्र पर हमला नहीं करने का निर्देश दिया, बल्कि अपने बलों को अजोवस्ताल संयंत्र को घेरने का निर्देश दिया ताकि वहां परिंदा भी पर न मार रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर आक्रमण के शुरुआती दिनों से ही दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर पर बमबारी की है और इसे खंडहर में बदल दिया है. शीर्ष अधिकारियों ने लगातार दावा किया कि शहर रूसी सेना के कब्जे में जाने वाला है लेकिन यूक्रेनी सेना ने जी जान लगा कर इस पर कब्जा बनाए रखा. रूस के अनुमान के मुताबिक हाल के दिनों में हजारों की संख्या में रक्षक विशाल इस्पात संयंत्र में सुरंगों और बंकरों में छिपे थे. रूसी सेना ने उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था. बृहस्पतिवार को पुतिन ने संयंत्र पर कब्जा किए बगैर जीत की घोषणा कर दी.
पुतिन ने देश के रक्षा मंत्री के साथ सामने आकर कहा, मारियुपोल को मुक्त कराने का अभियान सफल रहा. बधाई हो. वहीं यूक्रेन ने मारियुपोल को जीतने के रूस के दावे का मखौल बनाया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा, हालात का मतलब है: वे अजोवस्ताल पर कब्जा नहीं कर सकते. वे यह समझ गए हैं. उन्हें वहां भारी नुकसान हुआ है. अभियान को सफल दिखाने के पीछे का पुतिन का मकसद संयंत्र की ओर से ध्यान हटाना हो सकता है . बंदरगाह शहर मारियुपोल को कब्जे में लेना रूस के लिए सामरिक और सांकेतिक, दोनों रूप से महत्वपूर्ण है. यह रूस और क्रीमियाई प्रायद्वीप को भूमि के जरिये जोड़ देगा और इससे रूसी सेना डोनबास में कहीं भी जा सकती है.
रूस ने कमला हैरिस, मार्क जुकरबर्ग के आने पर रोक लगाई : रूस के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि उसने अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और 27 अन्य प्रतिष्ठित अमेरिकियों के अपने देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है. मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन द्वारा बढ़ाये जा रहे रूस विरोधी प्रतिबंधों के जवाब में यह कदम उठाया गया है. हैरिस और जुकरबर्ग के अलावा लिंक्डिन और बैंक ऑफ अमेरिका के सीईओ, रूस केंद्रित मेदुजा न्यूज वेबसाइट के संपादक आदि के भी रूस में प्रवेश पर रोक है.