प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड की कांतिपाल से बात कर, ली उनके काम की जानकारी

झांसी। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत गुरूवार को आयोजित आत्मनिर्भर नारी शक्ति संवाद कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर की आत्मनिर्भर महिला कांतिपाल से बात कर उनके काम की जानकारी ली और बधाई दी।

यहां प़ं दीनदयाल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से पहले ही आत्मनिर्भर महिलाओं श्रीमती चम्पा मध्य प्रदेश , श्रीमती उमा कान्ति पाल हमीरपुर उत्तर प्रदेश , श्रीमती चन्दमनी उत्तराखण्ड, श्रीमती एस जयंती तमिलनाडु और श्रीमती निगथेजुम ज्युसी देवी मणिपुर तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की और उनके द्वारा किये जा रहे कामों की जानकारी ली। श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में जिस प्रकार से हमारी बहनों ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से देशवासियों की जो सेवा की है, वह अभूतपूर्व है। मास्क या सेनेटाइजर बनाना हो, जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाना हो, जागरूकता का काम हो, हर प्रकार से आपकी सखी समूहों का योगदान अतुलनीय रहा।

पहले अधिकांश महिलाएं पैसे को रसोई के डिब्बों में रखती थी लेकिन अब, जब से हमारी सरकार आई है तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहने ऐसी थी, जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, जो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थी। इसलिए हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का अभियान शुरू किया। लगभग 42 करोड़ से अधिक जनधन बैंक खाते खोले गए, जिसमें से 55 फ़ीसदी महिलाओं के पास है, इन खातों में हजारों करोड़ों की धनराशि है। उन्होंने कहा कि हमने न सिर्फ बैंक खाते खोले, बल्कि स्वयं सहायता समूह व महिलाओं को मिलने वाला कर्ज भी आसान किया है।स्वयं सहायता समूह को और अधिक प्रेरित करने के लिए उन्हें अब 20 लाख रुपए तक का ऋण मिलेगा, पहले इसकी सीमा 10 लाख रूपये तक की थी।

आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेर्सिंग से जुड़े उद्यम हो, महिला किसान उत्पादक संघ हो या फिर दूसरे स्वयं सहायता समूह, बहनों के ऐसे लाखों समूहो के लिये 1.600 करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी गयी है। आजादी के 75 वर्ष का ये समय नये लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। सरकार लगातार वो माहौल और स्थितियां बना रही है, जहां से आप सभी बहने हमारे गांवों को समृद्वि और सम्पन्नता से जोड़ सकती है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने के लिये खिलौना के क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के यागदान पर चर्चा करते हुये कहा कि भारत में बने खिलौनों को भी सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है। विशेष रुप से हमारे आदिवासी क्षेत्रों की बहनें तो पारम्परिक रुप से इससे जुड़ी है। इसमें स्वयं सहायता समूह के लिये बहुत सम्भावनायें है।

उन्होने कहा कि देश को आज सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का अभी अभियान चल रहा है। इसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप की दोहरी भूमिका है। आपको सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जागरुकता भी बढ़ानी है और इसके विकल्प के लिये भी काम करना है। प्रधानमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों से बात की। उन्होने इस दौरान 04 लाख स्वयं सहायता समूहों के लिये 1625 करोड़ रुपये का फण्ड भी रिलीज किया। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों को 7500 सदस्यों को बीज के लिये 25 करोड़ रुपये जारी किये, जो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएमएफएसई योजना के तहत दी जा रही है।

उन्होने कहा कि पिछले 7 वर्षो में स्वयं सहायता समूहों ने अपने ऋणों का भुगतान करने करने में सराहनीय काम किया है। एक समय था जब 9 प्रतिशत लोन बेड लोन बन जाते थे, अब घटकर 2-2.5 प्रतिशत हो गया है। देश आपकी ईमानदारी को स्वीकर करता है। उन्होने कहा कि महिलाओं में उद्यमशीलता का दायरा बढ़ाने के लिये आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में अधिक भागीदारी के लिये आर्थिक मदद भी जारी की गयी।

प्रधानमंत्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज देश भर में लगभग 70 लाख स्वयं समूह है जिसमें लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी है। पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक बढोत्तरी हुई है। उन्होने कहा कि आज बदलते हुये भारत में देश की बहन-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे है। घर-शौचालय, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है। बहन-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी जरुरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।

श्रीमती उमा कान्ति पाल ग्राम बांकी हमीरपुर जो बलिनी मिल्क प्रोडयूसर कम्पनी लिमिटेड में निदेशक मण्डल की सदस्य है, ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुये बलिनी कम्पनी के संचालन, दूध की गुणवत्ता व कम्पनी से किस तरह महिलाएं आर्थिक रुप से सशक्त हो रही है, के बारे में बताते हुए कहा कि समूह के माध्यम से होने वाली आय से समाज में सम्मान बढ़ा है, बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में समक्ष हुई है।


उन्होने बलिनी मिल्क प्रोडेयूसर कम्पनी की जानकारी देते हुये कहा कि झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा एवं चित्रकूट के 602 गांवों को शामिल करते हुये 26125 महिला किसानों को जोड़कर करीब 70 हजार लीटर दूध संग्रहण एवं व्यापार कर रही है। कम्पनी से जुड़े सदस्य औसतन 6-7 लीटर प्रतिदिन दूध संग्रहण कर रहे है। महिला बहनों की शेयर पूंजी लगभग 2.02 करोड़ रुपया है। बलिनी ने जुलाई 2021 के अंत तक लगभग 102 करोड़ रुपये दुग्ध उत्पादक सदस्यों के व्यक्तिगत बैंक खातों में हस्तान्तरित किये गये है। प्रधानमंत्री ने बोर्ड आफ मेम्बर उमा कांतिपाल को बेहतरीन काम के लिये बधाई दी और इसे और आगे ले जाने का सुझाव दिया।

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