शिक्षक भर्ती मामला: विभाग की लापरवाही, भुगत रहे अभ्यर्थी

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनका चयन होने के बाद नियुक्ति पत्र दिया गया और विभाग ने चार माह तक ड्यूटी करवाने के बाद उनका चयन भी निरस्त कर दिया। ऐसा लगभग दर्जन जिलों में हुआ है। लेकिन विभाग अपनी गलती मानने की बजाय उल्टे अभ्यर्थियों पर ठीकरा फोड़ रहा है। अभ्यर्थी जब न्यायालय गये तो भी फैसला उनके ही पक्ष में आया, फिर विभाग अभ्यर्थियों को चक्कर लगा रहा है।

अभ्यर्थी पूनम यादव, शिवानी श्रीवास्तव, कामिनी मौर्या, प्रियल गुप्ता, नरेन्द्र कुमार, नवनीत कुमार, ​दीपक द्विवेदी ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती के तहत उनकी नियुक्ति हरदोई जिले में हुई थी, उनको नियुक्ति पत्र भी दिया गया और चार माह तक बीएसए कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करायी गयी, जब स्कूल आवंटन की बारी आयी तो उनके गुणांक पर सवाल बीएसए ने उठाते हुए तैनाती से मना कर दिया। तत्कालीन बीएसए हेमंत राव ने बताया कि एक्सेल सीट में दर्ज गुणांक नहीं मैच कर रहे हैं, अभ्यर्थियों की मांग पर फिर, जिला कमेटी गठित की गयी, कमेटी ने पाया कि अभ्यर्थियों ने कोई त्रुटि नहीं की है।

बीते 25 मार्च को कमेटी ने इस बात को माना और 27 मार्च को अभ्यर्थियों से फिर नया जियो दिखाते हुए नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया, और अधिकारियों ने दूसरा जियो दिखाते हुए कहा कि जिन अभ्यर्थियों का बढ़ा हुआ नंबर है उनको नियुक्ति पत्र नहीं दिया जायेगा। ऐसे में कई अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गये, हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश देते हुए अपने फैसले में कहा कि विभागीय त्रुटि है इसमें सुधार किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो उसके बाद अभ्यर्थी पूनम यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, वहां से भी कोर्ट ने आर्डर अभ्यर्थियों के पक्ष में दिया उसके बाद भी अभी तक विभाग ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी है।

चार माह विभाग में उपस्थिति फिर भी वेतन नहीं
अभ्यर्थियों को इससे पहले नियुक्ति पत्र देकर विभाग ने चार माह तक ​रजिस्ट्रर पर उपस्थित भी दर्ज करवाई लेकिन एक भी शिक्षक को वेतन नहीं दिया गया। अभ्यर्थियों ने बताया नियुक्ति मिलने के बाद भी विद्यालय में तैनाती नहीं हुई इससे तो हम लोग मानसिक तनाव में है ही साथ और चार माह वेतन भी नहीं दिया गया।

अभ्यर्थियों ने परिषद सचिव को सौंपा पत्र
अभ्यर्थियों ने बताया तत्कालीन बीएसए हेंमत राव की ओर से की गयी लापरवाही का खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं, इस संबंध में सचिव परिषद प्रताप सिंह बघेल को शिकायती पत्र भी दिया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी दरकिनार किया जा रहा है।

Related Articles

Back to top button